शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने लोकसभा चुनाव से पहले लोगों से की अपील, कहा- गौ हत्यारी पार्टियों को वोट देकर गौ हत्या का पाप न लें हिन्दू

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नई दिल्ली: भारतीय सनातनी समाज के प्रमुख धार्मिक नेता और ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौहत्या पर आपत्ति जताते हुए एक पत्रकार वार्ता में आवाज उठाई है।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “सनातन धर्म में गौहत्या महापाप है। गौहत्या करने वाले को समर्थन देने वाले को भी यह पाप लगता है। इसलिए सत्ता में आकर गौहत्या करने वाले राजनीतिक दलों को मत (वोट) देकर उन्हें सत्ता में लाने वाले मतदाताओं को भी गोहत्या का पाप लग रहा है। हिन्दुओं को इससे बचने और अपने मताधिकार का सही प्रयोग करने की आवश्यकता है।”

गौमाता को मिले राष्ट्र माता का सम्मान- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

उन्होंने गौमाता को राष्ट्र माता का सम्मान देने की अपील की और कहा, “भारत में गौहत्या को दण्डनीय अपराध माना जाए और गौमाता को पशुसूची से निकालकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिया जाए। हमारे शास्त्रों में पशवों को पशु मानने का निषेध है और उनके लिये विश्वमाता कहकर सम्मानित किया है।”

इसके अलावा, उन्होंने एक पदयात्रा की घोषणा की है जो गौरक्षा को लेकर होगी। “हम स्वयं 14 फरवरी 2024 को वृन्दावन से दिल्ली तक की पदयात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा में गौरक्षा का संकल्प लेंगे और राष्ट्र माता के रूप में गौमाता को समर्थन देंगे।” उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों को भी इस यात्रा में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया है।

2600 गोदूत कर रहे पञ्जीकृत राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से सम्पर्क

शंकराचार्य ने गौहत्या को रोकने के लिए राजनीतिक दलों से संपर्क करने का भी अभियान शुरू किया है। “हमारे 2600 समर्पित गोदूत पञ्जीकृत राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से सीधे संपर्क कर रहे हैं और उन्हें गौ-गठबन्धन में आने का अनुरोध कर रहे हैं।”

उन्होंने अगले महीने की 28  मार्च को सुबह 7 बजे जयराम आश्रम (आश्रम दिल्ली) से संसद भवन के उस परिवार के लिए कूच करेंगे, जहां पर सन् 1966  में गौ भक्तों पर गोलियां चलाईं गईं थीं और हजारों निहत्थे संतों व गौ भक्तो ने अपने प्राणों की आहूति दी थी।