नई दिल्ली/डेस्क: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा चलाई जा रही गौ माता राष्ट्र माता प्रतिष्ठा पदयात्रा आंदोलन 14 मार्च से गोवर्धन गिरिराज जी की परिक्रमा से शुरू होकर आज 28 मार्च को जगतगुरु शंकराचार्य के नेतृत्व में संसद भवन के प्रांगण में पहुंची, हां पर सन 1966 में निहत्थे गौ भक्त एवं संतों पर गोलियां की वर्षा कर मौत के घाट उतार दिया गया था।
आज जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने उन शहीद गौभक्तों की मिट्टी को अपने माथे पर लगाया और अपने समर्थकों के साथ संकल्प लिया कि जब तक गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। और यह भी कहा गया कि गौमाता को पशुओं की सूची से हटाकर राष्ट्रमाता की सूची में शामिल किया जाए और संसद में एक प्रस्ताव पारित कर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए और उन्हें राष्ट्रमाता का दर्जा भी दिया जाए।
सभी राजनीतिक दल गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करें
और जगतगुरु शंकराचार्य जी ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों को शपथ लेकर यह घोषणा करनी चाहिए कि यदि हम सत्ता में आए तो गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करेंगे। यदि पार्टियां शपथ नहीं देतीं तो माना जायेगा कि वे गौ माता विरोधी पार्टियां हैं। और जगतगुरु शंकराचार्य जी ने यह भी कहा था कि जो पार्टियां शपथ लेकर यह घोषणा करेंगी कि हम गौ माता की रक्षा के लिए कानून बनाएंगे, उन पार्टियों को भाई पार्टी की सूची में माना जाएगा। और जो पार्टी शपथ नहीं देगी, उन्हें कसाई पार्टी माना जायेगा।
जगतगुरु शंकराचार्य जी ने यह भी कहा कि एक वर्ष के लिए सभी गौभक्त जो सनातनी हैं, बिना रुके, बिना थके, हर दिन आप अपने क्षेत्र में, आस-पड़ोस के गांवों में, शहर में, मोहल्ले में गाय के लिए काम करेंगे। सभी गौभक्त यह संकल्प लेकर यहां से प्रस्थान करें। जगतगुरु शंकराचार्य जी ने महान गौभक्तों सहित गौभक्तों को भी यह शपथ दिलाई। गोपाल मणि जी समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे। उक्त जानकारी शंकराचार्य जी के मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगीराज सरकार ने दी है।