नई दिल्ली/डेस्क: कोविड-19 महामारी से बचने के लिए लगभग हर भारतीय ने वैक्सीन लगवाई थी. लेकिन अब कोविशिल्ड वैक्सीन (AstraZeneca) लगवाने वाले हर भारतीय के लिए यह खबर हैरान करने वाली है.
दरअसल, वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने अदालत में पहली बार यह स्वीकार किया है कि विशील्ड दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है.
ब्रिटेन की एक अदालत में 51 मामलों में पीड़ित 100 मिलियन पाउंड तक का हर्जाना मांग रहे हैं. इस मामले के पहले शिकायतकर्ता जेमी स्कॉट का आरोप है कि उन्हें अप्रैल 2021 में टीका लगाया गया था, जिससे खून में थक्का जमने के बाद उनके दिमाग में स्थायी चोट लग गई. उन्होंने दावा किया कि इस कारण वह काम करने में असमर्थ हो गए. तीन बार उनकी पत्नी को अस्पताल ने यह भी कह दिया कि वह मरने वाले हैं.
लेखक- वेदिका प्रदीप