बाढ़ के बाद बिगड़े पलवल के खादर क्षेत्र के हालात, नहीं मिली कोई सुविधा

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पलवल/हरियाणा: पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते हरियाणा के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए थे। ज्यादातर यमुना किनारे बसें गांवों को बाढ़ से क्षति पहुंची है। हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़े जाने के बाद 13 जुलाई को पलवल के खादर क्षेत्र के यमुना किनारे के गांवों में पानी चढ़ गया था।

उसके बाद 14 तारीख को यमुना के पानी ने भारी तबाही मचा दी। तमाम फसलों को डुबो दिया और कई मकान धराशाई हो गए। इसके बाद अचानक से मोहना और बागपुर गांव के बीच फरीदाबाद और पलवल जिले को जोड़ने वाले एकमात्र सड़क मार्ग पर तीन स्थानों कटाव हो जाने से खादर क्षेत्र के 15 गांवों से सम्पर्क पूरी तरह टूट गया था।

तेज बहाव के कारण टूटी सड़कें

तेज बहाव के कारण सड़क तीन स्थानों से पूरी तरह टूट गई थी। पानी के तेज बहाव के कारण बिजली के दर्जनों खंबे टूट गए या उखड़ गए । जिसके कारण बिजली विभाग को मजबूर बिजली भी काटनी पड़ी।

ऐसे में बागपुर गांव सहित उसके आसपास की छोटी ढाणियों में लोग एक तरह से कैद होकर रह गए। नहीं तो इन गांवों में कोई जा सकता था और ना ही इन गांवों से बाहर जा सकते थे।

नेताओं ने ग्रामीणों को दिया आश्वासन

15 जुलाई से राजनीतिक नेताओं ने खादर क्षेत्र के गांवों का दौरा किया लेकिन सभी नेता संपर्क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण मोहना गांव से ही लौटकर जाते रहे। हालत और ज्यादा बिगड़ने पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा पलवल के विधायक दीपक मंगला तथा पूर्व विधायक करण दलाल नाव के जरिए कुछ गांव में पहुंचे और वहां लोगों से हाल-चाल जान कर बैठ गए और आश्वासन दिया।

खादर क्षेत्र के गांव में हालात जस के तस

नेताओं के कहने के बावजूद खादर क्षेत्र के गांव में हालात जस के तस रहे। वह तो गनीमत रही कि प्रकृति ने अपना कहर रोक दिया वरना प्रशासनिक और राजकीय स्तर पर इन लोगों की अभी तक भी कोई मदद नही हुई। नन्नन मोहना और बागपुर गांव के बीच अभी भी संपर्क मार्ग अवरुद्ध है।

बागपुर गांव के बिल्कुल निकट लगभग डेढ़ सौ मीटर सड़क पर लगभग 20 फुट गहरा गड्ढा हो गया जिस पर भी मिट्टी भी नहीं डलवाई जा सकी। यहां पर अभी तक भी मिट्टी डलवाने का काम भी शुरू नहीं हुआ है।  दो स्थानों पर पर मिट्टी डलवा दी गई है लेकिन मिट्टी के ऊपर से टू व्हीलर और कार को छोड़कर कोई भी भारी वाहन नहीं निकल सकता।

रिपोर्ट- गुरुदत्त गर्ग

पलवल, हरियाणा