डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामले में 2 को उम्र कैद, 3 आरोपी बरी

Published
Narendra Dabholkar Murder Case
Narendra Dabholkar Murder Case

Narendra Dabholkar Murder Case: महाराष्ट्र के पुणे में यूएपीए मामलों की एक विशेष अदालत ने अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने वाले डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले में आज (10 मई) 11 साल के बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने दाभोलकर हत्याकांड केस में तीन आरोपियों को निर्दोष पाया, वहीं दो को दोषी करार दिया है। दोनों दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

तीन आरोपी हुए बरी

डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या करने का साजिश रचने का आरोप वीरेंद्र सिंह तावड़े पर लगा था, लेकिन सरकारी पक्ष की तरफ से सबूत पेश नहीं कर पाने के कारण उन्हें बरी कर दिया गया। साथ ही संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ आरोप साबित न हो पाने के कारण उन्हें भी बरी किया गया। वहीं कालस्कर और आंदुरे पर डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या करने का आरोप सही साबित हुआ, जिस वजह से दोनों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

क्या है मामला

बता दें कि डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या 20 अगस्त 2013 को ओंकारेश्वर ब्रिज पर सुबह की सैर के दौरान गोली मारकर की गई थी। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था। पुणे पुलिस ने शुरुआत में ही मामले की जांच करनी शुरू कर दी थी। 2014 सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में लिया और जून 2016 में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था से जुड़े ईएनटी सर्जन डॉ.वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार किया. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, वीरेंद्र सिंह तावड़े हत्या के मास्टरमाइंड में से एक था।

लेखक:- रंजना कुमारी

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *