Solar Storm: 10 मई 2024 को दुनिया के कई देशों में एक ऐसा घटना घटी जिसके देख सब हैरान थें। क्योंकि ऐसा नजारा किसी ने पहले कभी नहीं देखा था। मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, आधी रात को आसमान रंग-बिरंगा हो चुका था। ये नजारा कहीं लाल, कहीं हरा और कहीं पर नीले रंग की चमक का था। जिसे देख कुछ के मन में कौतुहल, तो कुछ के मन में डर भी दिखाई दिया।
भारत और दुनिया के इन हिस्सों में दिखा ये अद्भुत नजारा!
यह अद्भुत नजारा भारत में के लद्दाख में भी दिखाई दिया था। बता दें कि वैज्ञानिक इस घटना का विश्लेषण कर रहे हैं। वो इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ये ‘नॉर्दर्न लाइट्स'(Northern Lights) थी या कुछ और… भारत के अलावा दुनिया के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों जैसे- जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, स्लोवाकिया, डेनमार्क और पोलैंड में भी कुछ ऐसी ही घटना देखने को मिली। इस घटना के बाद लोग तो हैरान थे, लेकिन वैज्ञानिक नहीं। क्योंकि वैज्ञानिकों को इस घटना की पहले से जानकारी थी। यही कारण था कि उन्होंने दुनिया भर के सैटेलाइट ऑपरेटरों, एयरलाइंस और पावर ग्रिड को अलर्ट पर रखा था। वैसे वैज्ञानिक इस घटना को सोलर स्टॉर्म कह रहे हैं, जिसमें आसमान रंग बलने लगता है।
क्या होता है सोलर स्टॉर्म? जानिए…
वैज्ञानिकों के अनुसार, सोलर स्टॉर्म सूर्य से निकलने वाले कोरोनल मास इजेक्शन के कारण होता है। इस दौरान सूर्य से निकलने वाले कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, जिसके कारण आसमान में चमकदार प्रतिक्रिया होती है और जिस कराण से आसमान का रंग बदल जाता है।
इसपर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह घटना पृथ्वी पर चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करती है और पृथ्वी पर तूफान आने लगते हैं। इस वजह से पावर ग्रिड, सैटेलाइट और हवाई जहाजों में भी गड़बड़ी हो सकती है। यही कारण है कि NASA अपने अंतरिक्ष यात्रियों को तूफान के दौरान अंतरिक्ष स्टेशन के अंदर रहने की सलाह देता है।
भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के ट्विटर हैंडल पर ऐसी ही एक घटना का वीडियो अपलोड किया गया है, जिसमें 22/23 अप्रैल की रात को लद्दाख के हानले से 360 डिग्री कैमरे द्वारा लिया गया आकाश का टाइम-लैप्स है। इस वीडियो में आप पृथ्वी पर आए तीव्र भू-चुंबकीय तूफान के कारण औरोरा रोशनी देख सकते हैं। इतने कम अक्षांश पर अरोरा देखना अत्यंत दुर्लभ है!
ऐसा पहली बार नहीं है जब अंतरिक्ष में इस तरह की घटना घटी हो… इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले 2003 में ऐसा सौर तूफान आया था। उस समय इस तूफान की वजह से स्वीडन में बिजली चली गई थी और दक्षिण अफ्रीका में भी कई जगह बिजली ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए थे।