Why so Hot: इस तपती गर्मी ने भारत में कोहराम मचा रखा है। लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। हर दिन इस भीषण गर्मी में हमें कभी आग लगने की खबरें तो कभी रेल पटरी के टेढ़े होने जैसे बहुत सी खबरें मिल रही हैं। आखिर क्या है वो वजह जिसके कारण तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही हैं? क्या इस भीषण गर्मी का कारण ग्लोबल वार्मिंग है या फिर कुछ और? जानते हैं।
देश में जहां एक तरफ लगातार विकास हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हरियाली में दिनों-दिन कमी आ रही है। एक ओर धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं। दूसरी ओर इमारतों की संख्या बढ़ रही हैं। पक्की सड़कों का विस्तार हो रहा है। घरों में एसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। और कहीं न कहीं यही वजह है कि तापमान ने भी विकास की रफ्तार पकड़ ली है। जिसका परिणाम है एक शहर का विकसित होने के साथ-साथ अर्बन हीट आइलैंड में तब्दील होना।
अर्बन हीट आइलैंड क्या है?
एक शहर के हीट आइलैंड बनने में अहम रोल उसकी बसावट का होता है। यानी वह शहर किस तरह का है? वहां की इमारतें कैसी हैं। किस तरह से वो डिजाइन किया गया है। वहीं एक शहर को 2 वजहों से हीट आईलैंड बनाता है। पहला, वहां की इमारतों की बनावट और दूसरी हरियाली का कम होना। ऐसे में शहर में कंक्रीट की ऊंची बिल्डिंग में लगे एयरकंडीशनर, ट्रैफिक, ईंट की जगह शीशे और स्टील का इस्तेमाल एक शहर को हीट आईलैंड बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। एयरकंडीशनर से निकलने वाली गर्मी, बड़ी संख्या में सड़कों पर गाड़ियों का होना, बिल्डिंग में शीशे यह सभी चीजें मिलकर एक शहर को हीट आईलैंड में तब्दील करती हैं। जिसका परिणाम आए दिन बढ़ती गर्मी के रूप में देखने को मिल रहा है। ग्लोबल वार्मिंग एक वजह जरूर है तापमान की वृद्धि में, लेकिन वहीं जमीन का बदलता उपयोग भी एक बड़ी वजह है।
गर्मियों के मौसम में करना होगा आदतों में बदलाव
गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए लोगों को अपनी आदतों में बदलाव करना होगा। जिसमें सबसे अहम है पानी पीने की आदत बनाना। पीक ऑवर्स में धूप के संपर्क में ज्यादा न आना। सुरक्षात्मक कपड़े पहनना सबसे महत्वपूर्ण है। खुली त्वचा में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना आपको इस प्रचंड गर्मी से बचा सकता है।
लेखक-प्रियंका लाल