संकट में फंस सकती है महाराष्ट्र सरकार! 6 विधायक बदल सकते हैं पाला

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मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उथल-पुथल मच गई है। चुनाव में एकनाथ शिंदे और अजित पवार गुट को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिससे राज्य की राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है। शिंदे गुट के मौजूदा सांसदों में से केवल सात सांसद ही अपनी सीटें बचा पाए हैं, बाकी सभी ने हार का सामना किया। इसके चलते शिंदे गुट के विधायकों के मन में अस्थिरता और बेचैनी बढ़ गई है।

क्या और भी विधायकों का बदल सकता है मूड ?

सूत्रों के अनुसार, शिंदे गुट के छह विधायक उद्धव ठाकरे से संपर्क में हैं और उन्होंने ठाकरे समूह में शामिल होने की इच्छा जताई है। अगर यह विधायक शिंदे गुट से अलग होकर ठाकरे गुट में शामिल होते हैं, तो महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। ठाकरे गुट के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है कि ये सभी छह विधायक उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में ठाकरे गुट में शामिल होंगे। इससे शिंदे गुट के अन्य विधायकों के भी ठाकरे समूह की ओर रुख करने की संभावना बढ़ जाएगी।

शिंदे गुट के कई विधायकों के उद्धव ठाकरे के संपर्क में होने की खबरें आ रही हैं। हालांकि, ठाकरे समूह के विधायक सचिन अहीर ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ठाकरे समूह ने यह दावा नहीं किया है कि छह विधायक उनके संपर्क में हैं। दिवाली के बाद से कई लोग ठाकरे समूह से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए यह मुद्दा अब खत्म हो चुका है। अहीर ने यह भी कहा कि वे अपने उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में उतारेंगे।

अजित पवार गुट में दिखी बेचैनी!

वहीं, अजित पवार गुट में भी बेचैनी की खबरें हैं। गुरुवार को अजित पवार की बैठक से पांच विधायक अनुपस्थित थे, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे भी राजनीतिक दिशा बदलने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, अजित पवार गुट ने बाद में यह स्पष्ट किया कि सभी विधायक उनके संपर्क में हैं।

लोकसभा चुनाव में शिंदे गुट, अजित पवार गुट और बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा है। शिंदे गुट ने महागठबंधन के साथ 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से केवल सात सीटों पर ही उन्हें जीत मिली। बाकी आठ सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जिसमें मौजूदा छह सांसदों के निर्वाचन क्षेत्रों में भी पराजय शामिल है। इसके चलते शिंदे गुट पर बीजेपी की तरफ से दबाव बढ़ गया है और विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। क्योंकि इससे शिंदे गुट के विधायकों के मन में आशंका और असुरक्षा की भावना पनप रही है, और वे ठाकरे समूह के संपर्क में आने लगे हैं।

क्या संकट में पड़ सकती है शिंदे सरकार ?

अगर शिंदे गुट के छह विधायक ठाकरे गुट में शामिल हो जाते हैं, तो महाराष्ट्र की शिंदे सरकार संकट में पड़ सकती है। इससे पहले ही कमजोर हो चुकी शिंदे सरकार के पास विधानसभा में बहुमत बचाना मुश्किल हो सकता है। इस स्थिति ने महाराष्ट्र की राजनीतिक फिजा को और भी पेचीदा बना दिया है और आने वाले समय में और भी बड़े राजनीतिक बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं।