Yaba tablet smuggling: असम में नहीं रुक रही याबा टैबलेट की तस्करी; 66 हजार करोड़ से अधिक की खेप बरामद, जानिए क्या होता है Yaba Tablet?

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Yaba tablet smuggling: असम में अवैध नशीली दवाओं का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कछार समेत करीमगंज हैलाकांडी के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस द्वारा लगातार नशा बेचने वालों पर छापे मार रही है। पुलिस द्वारा तस्करों को पकड़कर जेल भेजा जाता है। लेकिन, नशे का अवैध कारोबार फिर भी नहीं रुक रहा है।

नशा विरोधी अभियान के दौरान धलाई पुलिस को फिर बड़ी सफलता मिली है। मिजोरम की एक मिजो महिला और 2 मिजो युवकों को पुलिस ने भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़ा है। गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, धलाई पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक मनोज बरवा के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने गुरुवार शाम सिलचर आइजोल राष्ट्रीय राजमार्ग पर छापा मारा। तभी मिजोरम की ओर से आ रहे एक स्कूटर में लाए गए नशीले पदार्थ को जब्त किया गया। पुलिस स्कूटी समेत तीन मिजो नागरिकों को पकड़ने में कामयाब रही। पुलिस

तलाशी के दौरान स्कूटर से कम से कम बीस हजार याबा टैबलेट (Yaba tablet) बरामद हुईं। गिरफ्तार किया गया मिजोरम राज्य के चैतुले के बेनी उम्र 36, असम-मिजोरम सीमा वैरेंगटी के लालरिन हेता (42) का नाम सामने आया है। पुलिस द्वारा बरामद याबा टैबलेट की बाजार में कीमत करीब 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

2 दिन पहले ही पकड़ी गई थी 66 करोड़ की याबा टैबलेट

बता दें कि, इस घटना से करीब दो दिन पहले ही असम के करीमगंज और कार्बी आंगलोंग जिले में नशीले पदार्थों (याबा गोलियां) की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। जिसकी बाजर में कीमत 66 करोड़ बताई जा रही है।

असम पुलिस को मिली इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री हिंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया एक्स पर एक ट्वीट कर कहा कि,”ड्रग्स नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी है… आज किए गए दो अलग-अलग मादक पदार्थ विरोधी अभियानों में असम एसटीएफ और करीमगंज पुलिस ने एक वाहन से 66 करोड़ रुपये की 2 लाख 20 हजार याबा गोलियां जब्त की और पड़ोसी राज्य से आ रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।”

क्या होती है याबा टैबलेट?

बता दें, याबा टैबलेट एक तरह की दवा है, लेकिन इसका इस्तेमाल मादक पदार्थों के रूप में होता है। इसे ‘पागलपन’ की दवा भी कहा जाता है। यह थाईलैंड, म्यांमार से बांग्लादेश और अन्य देशों से होते हुए भारत के तस्करों तक पहुंचती है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह दवा घोड़ों को चढ़ाई में सक्षम बनाने के लिए दी जाती है। नशेड़ी इसका नशे के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। यह एक गुलाबी मेथेम्फेटामाइन-कैफीन गोली होती है। इसे याबा (Yaba) कहा जाता है। इसका स्वाद मीठा होता है गंध चॉकलेट जैसी होती है।