Rahul Gandhi Raised Question on EVM: एलन मस्क के बाद राहुल गांधी ने भी EVM पर उठाए सवाल; बताया ‘ब्लैक बॉक्स’

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Rahul Gandhi Raised Question on EVM: भारत में लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ईवीएम हैकिंग पर चर्चा होनी शुरू हो गई है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ईवीएम को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार (16 जून 2024) को एक पोस्ट में इसके जरिये चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने अपने पोस्ट में शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर से जुड़ी एक खबर भी शेयर की है। शिंदे पर ईवीएम से छेड़छाड़ कर जीतने का आरोप लगा है।

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है। किसी को भी इनकी स्क्रूटनी करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।”

एलन मस्क भी जता चुके हैं EVM पर शंका

राहुल गांधी के इस ट्वीट से पहले ईवीएम हैकिंग को लेकर हाल ही में टैक्सला के मालिक एलन मस्क का एक ट्वीट सामने आया था। अपने ट्वीट में एलन मस्क ने लिखा था कि, “हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि कम है, फिर भी बहुत अधिक है।”

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रवींद्र वायकर पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप

राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर से जुड़ी मिड डे की एक खबर भी शेयर की है। खबर के अनुसार, वायकर पर मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। वनराई पुलिस की जांच में यह पाया गया है कि वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर ने ईवीएम में गड़बड़ी की थी, जिसके चलते वायकर को केवल 48 वोटों के अंतर से जीत मिली।

क्या कहती है पुलिस जांच?

वनराई पुलिस ने मंगेश पंडिलकर और चुनाव आयोग के साथ काम करने वाले पोल पोर्टल ऑपरेटर दिनेश गुरव को CRPC 41A का नोटिस जारी किया है। जांच के अनुसार, मंगेश पंडिलकर के पास जो मोबाइल फोन था, वह ईवीएम से जुड़ा था और उसे अनलॉक करने के लिए वन-टाइम पासवर्ड (OTP) का उपयोग किया गया था। पुलिस ने फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेज दिया है ताकि उसका डेटा और फिंगरप्रिंट की जांच की जा सके।

राहुल गांधी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह भारतीय चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर चिंताएं रखते हैं। उनका मानना है कि जब तक चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता नहीं लाई जाती, तब तक लोकतंत्र में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं बनी रहेंगी।