Anti Paper Leak Law: देश में चल रहे पेपर लीक विवाद के बीच केंद्र सरकार ने कल यानी शुक्रवार (21 जून) की रात एक सख्त कानून लागू कर दिया है। जिसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रहे कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 साल कारावास की सजा और एक करोड़ रुपए तक जुर्माना देने का प्रावधान किया है।
कानून के प्रविधान 21 जून से लागू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दिए जाने के करीब चार महीने बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार की रात एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया है कि कानून के प्रविधान 21 जून से लागू होंगे।
यह कदम बेहद महत्वपूर्ण
यूजीसी-नेट 2024 और नीट के प्रश्न पत्र लीक को लेकर देश में चल रहे विवाद के बीच यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिसूचना में कहा गया है कि, “सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 की धारा एक की उप धारा द्वारा पदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार 21 जून 2024 को उक्त अधिनियम के प्रविधानों को लागू करती है।”
एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 को लोकसभा ने 6 फरवरी और राज्यसभा ने 9 फरवरी को पारित किया था। जिसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को इसे मंजूरी दी थी। बता दें कि इस अधिनियम का उद्देश्य UPSC, SSC रेलवे बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और NTA आदि द्वारा आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग करना है। इसमें धोखाधड़ी रोकने के लिए कम-से-कम 3 से 5 साल के कारावास का प्रविधान है। वहीं धोखाधड़ी के संगठित अपराध में शामिल लोगों पर 5 से 10 साल की कैद और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
लेखक: रंजना कुमारी