बारिश के मौसम में समोसे और पकौड़ी खाने को क्यों करता है मन? वजह आई सामने, जानिए…

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अगर आप भारत में रहते हैं तो आप इस चीज के आदी ही होंगे, क्योंकि डॉक्टर हमें बरसात में घर के बाहर ठेले पर बिकने वाले समोसा और चाट-पकौड़ियों से दूर रहने की हिदायत देते हैं। इसका मुख्य कारण होता है बरसात के मौसम में संक्रमण फैलने का खतरा होना।

लेकिन हम ठहरे मनमौजी इंसान जिनका हर दिन कुछ नया खाने का मन करता हो। वहीं, अगर किसी दिन रिमझिम बरसात होने लगें तो समझो गरमा-गरम तलते समोसे, भजिये इत्यादि हमें अपनी ओर खींच ही लेते हैं। भले ही बाद में हमें इसका खामियाजा क्यों न भुगतना पड़े।

इस बात की कोई परवाह नहीं करता और यही वजह है कि मानसून के दिनों में चाट-पकौड़ों का धंधा खूब जोर-शोर से चलता है। क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है इस संदर्भ में डॉक्टर्स कुछ रोचक फैक्ट बता रहे हैं, जिसे पढ़कर आप भी चौंक जाएंगे, तो चलिए जानते हैं…

धूप न होने के कारण होता है ऐसा!

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि बारिश में चाट-पकौड़े खाने की तीव्र ईच्छा होती है। मगर इस बात को बहुत ही कम लोग जानते हैं कि ऐसा होता क्यों है। इसपर डॉक्टर्स का कहना है कि बारिश में धूप की कमी होने के कारण मनुष्य के शरीर में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में नहीं मिल पाता।

जिसकी वजह से शरीर में सेरोटोनिन के स्तर में गिरावट आने लगती है। और सूर्य की कम रोशनी होने के कारण हमारी बॉडी पीनियल ग्लैंड मेलाटोनिन रिलीज करने लगती है। जिससे हमें आलस्य आने लगता है। या यूं कहें कि बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब होती है।

अगर इसे सरल शब्दों में समझा जाए, तो इससे हैप्पी हार्मोन प्रभावित होते हैं, जिससे हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी होने लगती है। इसी कमी को पूरा करने के लिए हमारा मन कुछ कुरकुरा खाने को करता है। ताकि शरीर में सेरोटोनिन का संतुलित बना रहे।

तब हमें कार्बोहाइड्रेट के अलावा डीप फ्राई वाले नाश्ते की जरूरत महसूस होती है। क्योंकि उसमें नमी की कमी होती है, कुछ कुरकुरा खाने की इच्छा करती है, यही समय होता है जब हमें कुछ तली-भुनी चीजें खाने की इच्छा करती है। तो उम्मीद है आपको हमारी ये बात आसानी से समझ आ चुकी होगी।