‘इति विदा पुनर्मिलनाय’ मैं विदा लेता हूं फिर मिलने के लिए- PM नरेंद्र मोदी

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Mann Ki Baat Update: तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद आज पहली बार सुबह 11 बजे पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 111वें एपिसोड को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मन की बात के जरिए एक बार फिर से अपने परिवार के बीच आया हूं। इसी के साथ पीएम मोदी ने आगे कहा, एक बड़ी प्यारी कहावत है, ‘इति विदा पुनर्मिलनाय’। इसका मतलब भी उतना ही प्यारा है। इसका अर्थ है मैं विदा लेता हूं फिर मिलने के लिए। जैसे मैंने फरवरी में कहा था कि मैं चुनाव के चलते आपसे बात नहीं कर पाउंगा। चुनाव खत्म होने के बाद मैं एक बार फिर आपके बीच आया हूं।

“चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को बधाई”

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए कहा, ”मन की बात रेडियो कार्यक्रम भले ही कुछ महीनों के लिए बंद हो गया हो। लेकिन मन की बात की भावना…देश, समाज के लिए किया गया काम, हर दिन किया गया अच्छा काम, निस्वार्थ भाव से किया गया काम…जो काम किया समाज पर सकारात्मक प्रभाव निरंतर जारी रहा। मैं आज देशवासियों को भी धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपना अटूट विश्वास दोहराया है। लोकसभा चुनाव 2024 दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव नहीं हुआ है जिसमें 65 करोड़ लोगों ने वोट डाले हों। मैं चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं।”

“आज का दिन ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है”

‘हूल दिवस’ पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “आज 30 जून बहुत महत्वपूर्ण दिन है। हमारे आदिवासी भाई-बहन इस दिन को ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिधू और कान्हू के साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचारों का डटकर विरोध किया था। वीर सिद्धू और कान्हू ने हजारों संथाली साथियों को एकजुट किया और पूरी ताकत से अंग्रेजों से मुकाबला किया और क्या आप जानते हैं कि ये कब हुआ था? यह 1855 में हुआ था, यानी 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से दो साल पहले हुआ था, जब झारखंड के संथाल परगना में हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों ने विदेशी शासकों के खिलाफ हथियार उठाए थे।”

इस साल विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ मां के नाम’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू हुई एक खास पहल को लेकर कहा, “इस साल विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ नाम से एक विशेष अभियान शुरू हुआ है। मैंने भी अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाया है और सभी देशवासियों से अपील की है कि वे अपनी मां या मां के साथ मिलकर एक पेड़ लगाएं।” उनके नाम पर।”

लेखक-प्रियंका लाल