Parliament Session 2024: लोकसभा में अखिलेश यादव ने शायरी पढ़ते हुए कहा, “आवाम ने तोड़ दिया हुकूमत का गुरूर। दरबार तो लगा है, लेकिन गमगीन हैं सब। दरबार लगा है, लेकिन बेनूर है। पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि सरकार चलने वाली नहीं है। ये गिरने वाली सरकार है. ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में है जो अटकी हुई। वो तो कोई सरकार नहीं। पूरा इंडिया समझ गया है कि इंडिया ही प्रो इंडिया है। इस चुनाव में इंडिया की नैतिक जीत है।”
सपा नेता ने ईवीेम का मुद्दा उठाते हुए शायराना अंजाद में कहा कि, “हजूर-ए-आला आज तक खामोश बैठे है इसी गम में, महफिल लूट ले गया कोई जबकि सजाई हमने।”
लेखक: रंजना कुमारी