Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुए भगदड़ में 121 लोगों ने अपनी जान गवां दी। जिसके बाद से सत्संग करा रहे बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा काफी चर्चा में बने हुए है। भोले बाबा का आश्रम कासगंज के बहादुरगढ़ में भी है। वहीं, यहां आश्रम में मौजूद सेवादार ने बताया है कि बाबा बहुत ही चमत्कारी है। बाबा में 52 कलाएं है। इसके अलावा गेंदालाल ने इस बात का दावा किया है कि उसे खुद एक बिमारी थी, जो बाबा के संपर्क में आने से पूरी तरह से ठीक हो गई।
सेवादार ने किया दावा
खबरों के मुताबिक, सेवादार ने दावा किया है कि उसे एक बीमारी थी, वह बाबा के पास आगरा गया। फिर उसकी बिमारी ठीक हो गई। फिर उसने बहादुरगढ़ में सत्संग रखा। वो बाबा को लेकर वहां आया। फिर सत्संग में हजारों की संख्या में लोग आने लगे। गेंदालाल ने बताया कि आगरा के एक प्रोफेसर के बेटे को कोढ़ था, उसे आश्रम में चार दिन के लिए रखा गया। बाबा ने आदेश दिया था कि उसे नहलाओ। उसे नहलाया गया, फिर उसका कोढ़ सही हो गया।
बाबा के पास 52 कलाएं
गेंदालाल ने बताया कि, बाबा के पास 52 कलाएं है। उसने सारी कलाएं देखी हैं। कभी कृष्ण के रूप में, शिव के रूप में, हनुमान के रूप में, राम के रूप में, तो कभी निराकार के रूप में उसने बाबा के दर्शन किए है। उसने कहा कि बाबा उसके लिए परमात्मा हैं।
कैसे हुई सत्संग की शुरुआत
गेंदालाल ने बताया, बाबा अलीगढ़ में पुलिस में जाकर भर्ती हो गए। इसके बाद बाबा को इस्तीफा देना पड़ा। फिर बाबा आगरा में सीबीआई अफसर बने। जब बाबा को सत्यता की मार पड़ी तो बाबा का शरीर त्याग दिया और सत्संग करने लग गए।
गेंदालाल के अनुसार, बाबा के तीन भाई हैं। लेकिन बाबा का उनसे कोई संबंध नहीं है। यहां तक कि बाबा अपनी मां के स्वर्ग वास में भी शामिल नहीं हुए थे। बाबा ने सब कुछ त्याग दिया। बाबा के पास 15 बीघा की खेती है वह उसी का अन्न खाते है, जल पीते है। यहां तक की बाबा कहीं भी जाते है तब भी उसी जमीन का खाना खाते है। बाबा इसके अलावा कहीं और का खाना नहीं खाते।
लेखक: रंजना कुमारी