पानीपत/हरियाणा: शहीद मेजर आशीष धौंचक के परिवार में सरकारी नौकरी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर उनकी पत्नी ज्योति ससुराल वालों पर आरोप लगा रही है, वहीं आशीष के माता-पिता बहू द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग कर रहे हैं। पूरा विवाद अब सरकार की ओर से मिलने वाली सरकारी नौकरी के लिए हो रहा है।
माता-पिता की मांग, बहन को मिले नौकरी
आशीष के माता-पिता का कहना है कि सरकारी नौकरी उनकी बेटी, यानी आशीष की बहन को मिलनी चाहिए। आशीष की मां कमला ने प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मामले में जो भी सत्य तथ्य हैं, उनकी जांच की जानी चाहिए। उनका आरोप है कि बहू ज्योति सरकार से मिलने वाली राशि मिलने के बाद अपने कमरे का ताला लगाकर अपने मायके चली गई है और कई महीनों से वापस नहीं लौटी।
शहीद की पत्नी ने ससुराल पक्ष पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
वहीं, आशीष की पत्नी ज्योति ने ससुराल वालों पर उत्पीड़न और ननदों पर घर में दखल देने का आरोप लगाया है। ज्योति का कहना है कि ससुराल वाले ननद की नौकरी लगाने के लिए विवाद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनसे कभी फोन पर बात नहीं की गई और पोती का हाल चाल नहीं जाना गया।
बहू द्वारा लगाए गए आरोप निराधार- शहीद की मां
आशीष की मां कमला ने कहा कि उनकी बहू ज्योति के आरोप निराधार हैं। कमला का कहना है कि उनकी बेटियां और उनके पतियों की लोकेशन चेक करवा ली जाए, वे जून माह के अलावा कभी यहां नहीं आए। उनका कहना है कि बहू ज्योति ने हमेशा उनसे बात करने से इंकार किया और पोती से भी बात नहीं करवाई।
सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष
कमला का कहना है कि उनकी बेटियां आर्थिक रूप से काफी मजबूत हैं, लेकिन जब बहू उनकी देखरेख नहीं करती, तो उसे नौकरी नहीं मिलनी चाहिए। उनकी बेटियां ही माता-पिता की देखभाल करती हैं, इसलिए नौकरी भी उन्हीं को मिलनी चाहिए।
पोती के लिए भी लड़ाई लड़ने का संकल्प
शहीद की मां कमला ने कहा कि ज्योति ने उन पर पोती का हालचाल न जानने और उससे बात न करने का आरोप लगाया है, लेकिन उन्होंने हमेशा ज्योति से वामिनी से बात करवाने का आग्रह किया। आशीष की शहादत के बाद ज्योति वामिनी को अपने साथ ले गई और फिर कभी लेकर नहीं आई। अब कमला पोती को अपने पास रखना चाहती हैं और इसके लिए भी लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ज्योति दूसरी शादी के लिए कहती, तो वे दूसरी शादी भी करवा देते, लेकिन इस तरह उन्हें मुश्किल में छोड़कर जाने की जरूरत नहीं थी।
शहीद मेजर आशीष धौंचक के परिवार में चल रहा यह विवाद अब जांच की मांग तक पहुंच गया है। सरकारी नौकरी को लेकर दोनों पक्षों के बीच चल रही यह खींचतान किस अंजाम तक पहुंचेगी, यह देखने वाली बात है।