“भारतीय क्रिकेट: प्रतिबंधित खिलाड़ियों की कहानी”

Published
Image Sources: Social Media

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय क्रिकेट ने अपने आकर्षक खेल और प्रतिभा से विश्वभर में अपनी पहचान बना ली है। क्रिकेट ने खेलकूद के क्षेत्र में भारत को विश्वस्तरीय पहचान दिलाई है और भारतीय क्रिकेटरों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।

हालांकि, कुछ समय पहले, कुछ भारतीय क्रिकेटरों को अनुचित कारणों से प्रतिबंधित किया गया था। इन प्रतिबंधित खिलाड़ियों की सूची में कुछ मामूली खिलाड़ी हैं, जबकि कुछ के खिलाफ संबंधित और गंभीर आरोप लगाए गए थे। यह लेख भारतीय क्रिकेट टीम के ऐसे प्रतिबंधित खिलाड़ियों के बारे में एक अवलोकन प्रस्तुत करता है:

श्रीसंत

महेंद्र सिंध धोनी के साथ रहकर श्रीसंत भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एक मैच के दौरान मैच फिक्स करने का आरोप लगा था जिसके कारण उन्हें BCCI ने प्रतिबंधित कर दिया था।

मनोज प्रभाकर और अजय शर्मा

इन्हें भी BCCI ने में मैच फिक्सिंग के आरोप में बैन कर दिया था.

सिद्धार्थ त्रिवेदी

सिद्धार्थ त्रिवेदी को स्पॉट फिक्सिंग के लिए BCCI ने 1 साल के लिए बैन कर दिया था.

अजहरुद्दीन

अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान थे। उन्हें 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोप में पकड़ा गया था जिसके कारण उन्हें भारतीय क्रिकेट संघ (बीसीसीआई) द्वारा एक जीवनकालीन प्रतिबंध लगा दिया गया था।

टीपी सुधींद्रा

सेक्स स्कैंडल और स्पॉट फिक्सिंग के चलते इन्हें भी BCCI ने बैन कर दिया था.

अमित सिंह

अमित सिंह पर स्पॉट फिक्सिंग के लिए 5 साल तक बैन कर दिया गया था.

अजय जडेजा

अजय जडेजा भारतीय क्रिकेटरों में एक जाने-माने नाम थे और उन्हें अपनी गेंदबाजी के लिए जाना जाता था। हालांकि, 2000 में उन्हें मैच फिक्सिंग के आरोप में पकड़ा गया था।

जिसके कारण उन्हें क्रिकेट से 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। बाद में 27 जनवरी 2003 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रतिबंध रद्द कर दिया, जिससे जडेजा घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के योग्य हो गए।

मोहनीश मिश्रा और शलभ श्रीवास्तव

स्टिंग ऑपरेशन में पकडे जाने के बाद मोहनीश को 1 साल और शलभ को को 5 साल के लिए बैन कर दिया गया था.

यहां उपरोक्त सूची में दिए गए खिलाड़ियों को प्रतिबंधित किया गया था जो अनुचित व्यवहार या मैच फिक्सिंग के लिए पकड़े गए थे। यह प्रतिबंध क्रिकेटरों के खेल करियर को नुकसान पहुंचाता है और सार्वजनिक में उनकी छवि पर दाग डालता है।

इन घटनाओं से हमें यह सिखना चाहिए कि खिलाड़ियों को नैतिकता और खेल की मानसिकता के साथ खेलना चाहिए ताकि उन्हें अपने प्रयासों के द्वारा खेल की दुनिया में उच्चतम स्थान प्राप्त हो सके।

रिपोर्ट: करन शर्मा