होगा मौत का तांडव, आमने-सामने होंगे भारत और इजराइल, क्या भारत के आगे पस्त हो जाएंगी इजरायल की मिसाईलें?

Published

भारत की प्रलय मिसाइल को लेकर आर्मेनिया की दिलचस्पी

भारत और इजरायल के मजबूत संबंधों के बीच, आर्मेनिया ने भारत की प्रलय मिसाइल में रुचि दिखाई है। आर्मेनिया का उद्देश्य इजरायल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित लॉन्ग रेंज आर्टिलरी (LORA) बैलिस्टिक मिसाइलों का मुकाबला करना है, जिन्हें अजरबैजान ने खरीदा है। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आर्मेनिया प्रलय मिसाइल खरीदने पर विचार कर रहा है।

प्रलय मिसाइल की विशेषताएं

प्रलय एक मोबाइल कनस्तर-आधारित सतह से सतह पर मार करने वाली शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 150-500 किलोमीटर है। इसे डीआरडीओ की बीएमडी प्रणाली की पृथ्वी एडी मिसाइल से विकसित किया गया है। यह मिसाइल जड़त्वीय मार्गदर्शन का उपयोग करती है और पूरी उड़ान के दौरान नियंत्रित की जा सकती है। प्रलय मिसाइल में टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी साधक और स्वदेशी फ्यूज्ड सिलिका रडार डोम भी शामिल हैं।

वैश्विक प्रभाव

यदि भारत आर्मेनिया को प्रलय मिसाइल बेचानें में सफल होता है, तो यह भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत करेगा। ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात के बाद, प्रलय मिसाइल का निर्यात भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में स्वदेशी सामग्री के अधिक उपयोग को दर्शाएगा, जिससे आर्थिक लाभ भी होगा।

तुलना और क्षमता

प्रलय मिसाइल की रेंज 150-500 किलोमीटर है और यह अपने लक्ष्य से 10 मीटर तक चूक कर सकती है। इसे कई मायनों में रूस की इस्कंदर मिसाइल के समकक्ष माना जा रहा है, जो यूक्रेन के खिलाफ काफी प्रभावी रही है। दोनों मिसाइलें ठोस प्रोपेलेंट रॉकेट मोटर से संचालित होती हैं और एक सपाट ट्रैजेक्टरी पर उड़ती हैं।

भारत की प्रलय मिसाइल की यह संभावित बिक्री, न केवल आर्मेनिया की सुरक्षा रणनीति को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।