UPSC Chairman Manoj Soni Resignation: IAS प्रोबेशनर पूजा खेडकर से क्या है कनेक्शन? इंटरव्यू में पूजा से पूछे गए थे ये सवाल…

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UPSC Chairman Manoj Soni Resignation: UPSCE (संघ लोक सेवा आयोग) के चेयरमैन मनोज सोनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, सोनी ने यह इस्तीफा लगभग एक महीने पहले दिया था, हालांकि इसे अभी तक मंजूर नहीं किया गया है। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इस्तीफे का सीधा कनेक्शन IAS प्रोबेशनर पूजा खेडकर से जोड़ा जा रहा है।

पूजा खेडकर के इंटरव्यू और इसके परिणाम

इस इस्तीफे का संबंध पूजा खेडकर के इंटरव्यू से जोड़ा जा रहा है, जो स्वयं चेयरमैन मनोज सोनी द्वारा लिया गया था। पूजा खेडकर, जो इंटरव्यू में छठी कैंडिडेट थीं, को चेयरमैन और पांच सदस्यीय बोर्ड द्वारा 275 में से 184 अंक दिए गए थे। यह इंटरव्यू 26 अप्रैल 2023 को हुआ था।

इंटरव्यू के दौरान मनोज सोनी ने पूजा से कई सवाल पूछे, जिनमें शामिल थे:

व्यक्तिगत पृष्ठभूमि और करियर विकल्प: “क्या यह आपकी फोटो है? आप एक डॉक्टर हैं जिन्होंने SAI में काम किया है और हाल ही में IRS IT का चयन किया है। बधाई! क्या आपने प्रशिक्षण में शामिल हो गए हैं या छुट्टी पर हैं?”

भारत में युवाओं की समस्याएं: “आज भारत में युवाओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? क्या ये समस्याएं आपस में जुड़ी हुई हैं? इन समस्याओं की जड़ क्या है? भारत पिछले 20/30 सालों से इन समस्याओं का समाधान क्यों नहीं कर पाया है? मेडिकल के बाद IAS या IRS क्यों?”

सृजनात्मक गतिविधियां और प्रशासन

इंटरव्यू के अंत में सोनी ने पूजा से उनकी सृजनात्मक गतिविधियों के बारे में पूछा:

डूडलिंग और प्रशासन: “अमूर्त भावनात्मक डूडलिंग क्या है? क्या आप अपनी कुछ डूडल्स का वर्णन कर सकती हैं? इसका प्रशासन में कैसे उपयोग किया जा सकता है?”

सोनी की सराहना और इंटरव्यू का अनुभव

पूजा खेडकर ने इंटरव्यू बोर्ड को बहुत सौहार्दपूर्ण बताया, जहां चेयरमैन सोनी अक्सर उनके जवाबों पर सहमति में सिर हिला रहे थे। उन्होंने बताया कि चर्चा बहुत सौम्य थी, बिना किसी गहराई से पूछताछ या विवादास्पद विषयों के। सोनी ने अंत में खेडकर की विविध अनुभवों की सराहना की और उन्हें सुरक्षित यात्रा की शुभकामनाएं दीं।

चेयरमैन मनोज सोनी के इस्तीफे और पूजा खेडकर के इंटरव्यू के बीच के कनेक्शन ने काफी चर्चाएं पैदा कर दी हैं। हालांकि इस्तीफे के सही कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन खेडकर के इंटरव्यू की समय-समय पर उठती बातें इस मुद्दे को लेकर काफी उत्सुकता पैदा कर रही हैं।