कांवड़ यात्रा के मार्ग पर दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी ने तीखा विरोध जताया है। उन्होंने इस फैसले को लेकर खुलकर अपनी आपत्ति दर्ज की और इसे धार्मिक और जातिगत भेदभाव से जोड़ने की आलोचना की।
जयंत चौधरी ने कहा, “कांवड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती। धर्म या जाति के आधार पर कोई सेवा नहीं लेता। इस मामले को धर्म और जाति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सरकार ने यह फैसला सोच-समझकर नहीं लिया। अब चूंकि निर्णय ले लिया गया है, सरकार को इस पर अड़े नहीं रहना चाहिए। अभी भी समय है कि इस फैसले को वापस लिया जाए या कम से कम इस पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए।”
उन्होंने आगे टिप्पणी की, “मुसलमान वेजिटेरियन हो सकते हैं और हिंदू नॉनवेज खाने वाले भी हो सकते हैं। क्या अब हम कुर्ते पर भी नाम लिखना शुरू कर दें?” जयंत चौधरी का यह बयान दर्शाता है कि वह सरकार के इस फैसले को न सिर्फ अविवेकपूर्ण मानते हैं बल्कि इसे समाज में और अधिक विभाजन का कारण भी मानते हैं।