पंजाब पुलिस ने हाइवे पर लूटपाट करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमें गिरोह का सरगना इश्मीत सिंह भी शामिल है। इश्मीत सिंह, जो कि एक अग्निवीर था, दो महीने पहले बंगाल में अपनी तैनाती से छुट्टी लेकर अपने घर लौटा था। इसके बाद उसने अपराध का रास्ता अपना लिया। पुलिस ने इनके पास से चोरी के वाहन और हथियार बरामद किए हैं।
गिरोह का गठन और गतिविधियां
नवंबर 2022 में भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में भर्ती हुए इश्मीत सिंह ने छुट्टी के दौरान अपराध की दुनिया में कदम रखा। उसने अपने भाई प्रभदीप सिंह और दोस्त बलकरण सिंह के साथ मिलकर हथियार जुटाए और लूटपाट शुरू कर दी। मोहाली पुलिस ने इस गैंग को पकड़ा और इनके पास से चोरी की टैक्सी, बुलेट मोटरसाइकिल, स्कूटर और देसी पिस्तौल बरामद की। पुलिस ने बताया कि इश्मीत सिंह पश्चिम बंगाल में तैनात था और दो महीने पहले छुट्टी पर आने के बाद वह ड्यूटी पर वापस नहीं गया। उसने बलोंगी में एक कमरा किराए पर लिया और अपराध की गतिविधियों में संलिप्त हो गया।
वारदात को अंजाम देने का तरीका
मोहाली के एसएसपी संदीप गर्ग ने बताया कि यह अपराधी हथियारों के दम पर लोगों के वाहन लूटते थे, और वाहनों को चुराने के बाद उन्हें बेच देते थे या उन पर फर्जी नंबर प्लेट लगा कर उनका इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने इसकी सूचना मिलते ही मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच में पता चला कि इश्मीत उर्फ ईशु ने अपने भाई प्रभदीप सिंह और दोस्त बलकरण सिंह के साथ मिलकर लूटपाट और वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया था और तीनों आरोपी पिछले दो महीने से बलोंगी में किराए के कमरे में रह रहे थे।
हथियारों की खरीद और लूटपाट की घटनाएं
इश्मीत ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि छुट्टी लेते ही उसने उत्तर प्रदेश के कानपुर से देसी कट्टा खरीदा। गाड़ियां चुराने के लिए वह एक ऐप के जरिए टैक्सी बुक करता था और जब टैक्सी आती थी तो ड्राइवर की आंखों में मिर्च डाल देता था और अगर कोई ज्यादा विरोध करता तो उसके सिर पर देसी कट्टा तान देता और गोली चला देता। इस मामले में बलोंगी थाने में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इश्मीत सिंह पहले भी किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल था या नहीं। उन्होंने इश्मीत की भर्ती और उसके पिछले इतिहास की भी जांच करने की बात कही है।