Sawan 2024: सावन के महीने में क्यों नहीं खानी चाहिए दही और साग, जानें धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Published

Sawan 2024: उत्तर भारत में इस साल सावन के महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है। यह महीना हिंदू-रीति रिवाजों के हिसाब से काफी महत्व रखता है। इस महीने में लोग अपने दैनिक जीवन में कई बदलाव करते हैं, जिसमें रहन-सहन से लेकर खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाता है। सावन का महीना शिव भक्तों के लिए भी खास होता है, और इस समय भक्त अपनी भक्ति के अलावा विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

धार्मिक कारण

अक्सर बडे़-बुजुर्गों से सुना होगा कि सावन के महीने में दही और साग का सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में सात्विक भोजन करने का प्रावधान है। इससे शरीर शुद्ध होता है और आध्यात्मिकता की ओर हमारा ध्यान बढ़ता है। दही और साग, चाहे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो, लेकिन इन्हें बनाने के तरीकों के कारण ये सात्विक भोजन में नहीं गिने जाते। साथ ही, एक मान्यता यह भी है कि सावन के महीने में भगवान शिव पर दूध और दही चढ़ाया जाता है। इसलिए इन चीजों का सेवन करना अनुचित माना जाता है। कई पुजारियों का कहना है कि जो चीजें भगवान शिव को अर्पित की जाती हैं, उन्हें भोजन में शामिल करना गलत है।

वैज्ञानिक कारण

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो सावन का महीना शुरू होते ही बरसात का मौसम भी शुरू हो जाता है। इस दौरान पर्यावरण में जीव-जंतु, कीटाणु और विषाणु तेजी से पनपते हैं। पत्‍तेदार सब्जियों का सेवन करने से इन कीटाणुओं का खतरा बढ़ जाता है। दही भी बैक्टीरिया से तैयार होता है, और इस मौसम में इसका सेवन करने से विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि इस मौसम में दही और इससे बनी चीजों से परहेज करें।

डॉक्टर्स के अनुसार, “सावन के महीने में मौसम में काफी नमी रहती है, जिससे कान और गले में इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। ऐसे में हम लोगों को दही खाने के लिए मना करते हैं। दही के सेवन से इस महीने में गले में खराश और कफ की समस्या भी पैदा हो सकती हैं, इसलिए खासकर बच्चों को इस मौसम में दही से परहेज करना चाहिए।”

आयुर्वेदिक कारण

आयुर्वेद के अनुसार, तामसिक भोजन इन दिनों में सुस्‍ती पैदा कर सकता है, जिससे नींद आती है और आध्यात्मिक अभ्यास बाधित होता है। इसलिए, आयुर्वेद में भी सावन के महीने में दही और साग का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।

इन धार्मिक, वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारणों की वजह से सावन के महीने में दही और साग का सेवन करने से बचना चाहिए, ताकि आप स्वस्थ और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध रह सकें।