31 जुलाई को होगी कांग्रेस संसदीय दल की बैठक, सियासी मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर होगी चर्चा!

Published

Congress Parliamentary Party Meeting: 31 जुलाई बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक आयोजित होने जा रही है। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। इस बैठक में कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद मौजूद रहेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में कांग्रेस बजट और सियासी मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा करेगी।

एक तरफ जहां संसद में पेश हुए मोदी सरकार के पहले बजट को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस संसदीय दल की बैठक 31 जुलाई को होने जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का संदेश लेकर ही सांसद और पार्टी आगे बढ़ेगी।

राहुल गांधी ने साधा सरकार पर निशाना

बता दें, संसद में मानसून सत्र के छठे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट सत्र से पहले वित्त मंत्रालय में आयोजित पारंपरिक हलवा समारोह का पोस्टर दिखाया और कहा, “इस फोटो में ‘बजट का हलवा’ बांटा जा रहा है। मुझे इसमें एक भी ओबीसी या आदिवासी या दलित अधिकारी नजर नहीं आ रहा है। देश का हलवा बंट रहा है और 73% है ही नहीं। 20 अधिकारियों ने तैयार किया भारत का बजट, हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटने का काम किया है।”

“चक्रव्यूह का दूसरा नाम ‘पद्मव्यूह’ इसका अर्थ कमल निर्माण”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में 6 लोगों ने अभिमन्यु को ‘चक्रव्यूह’ में फंसा कर मारा था। मैंने थोड़ी रिसर्च की और पता चला कि ‘चक्रव्यूह’ का दूसरा नाम होता है ‘पद्मव्यूह’- जिसका अर्थ है ‘कमल निर्माण’। ‘चक्रव्यूह’ कमल के फूल के आकार का है।

21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है- वो भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है। इसका चिन्ह प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं।” इसी के साथ उन्होंने आगे कहा, अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है – युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यवसाय के साथ वही किया जा रहा है। आज भी ‘चक्रव्यूह’ के केंद्र में 6 लोग हैं। जैसे पहले 6 लोग कंट्रोल करते थे वैसे आज भी 6 लोग कंट्रोल कर रहे हैं -नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।”