DMK Leader Remark On Lord Rama: स्टालिन के मंत्री का भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल… राजनीति में बवाल… बीजेपी ने पलटवार करते हुए कह दी ये बड़ी बात…

Published

DMK Leader Remark On Lord Rama: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर द्वारा भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने दावा किया कि भगवान राम का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। उनके इस बयान पर संत समाज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पातालपुरी के अध्यक्ष महंत बालक दास ने नाराजगी जताते हुए कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है। ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं।”

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, महंत बालक दास ने आगे कहा, “अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं।”

बीजेपी का तीखा जवाब

तमिलनाडु बीजेपी के चीफ के अन्नामलाई ने डीएमके पर पलटवार करते हुए कहा, “भगवान श्री राम के प्रति डीएमके का अचानक जुनून वास्तव में देखने लायक है। पिछले हफ्ते ही डीएमके के कानून मंत्री रघुपति ने घोषणा की थी कि भगवान श्री राम सामाजिक न्याय के सर्वोच्च चैंपियन, धर्मनिरपेक्षता के अग्रदूत और सभी के लिए समानता के समर्थक थे। यह हास्यास्पद है कि डीएमके, जो सोचती है कि तमिलनाडु का इतिहास 1967 में शुरू हुआ था, उसे अचानक देश की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से प्यार हो गया है।”

ये वहीं हैं जो सनातन को डेंगू-मलेरिया बता चुके हैं- नरेंद्र सलूजा

बीजेपी नेता नरेंद्र सलूजा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी, “इंडी गठबंधन के सदस्य DMK के नेता और तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर कह रहे हैं कि भगवान राम का कोई अस्तित्व ही नहीं है। यही उसी DMK से है, जिनके नेता पूर्व में सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया बता चुके हैं।”

शिवशंकर के बयान से उपजा विवाद

शिवशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने भगवान राम मंदिर के निर्माण को लेकर सवाल उठाए और कहा कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। इस बयान के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दलों ने इस बयान की निंदा करते हुए डीएमके सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।