Bangladesh Violence: बांग्लादेश में सुलग रही आग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। नौकरी में आरक्षण से शुरू हुआ प्रदर्शन अब प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे तक आ पहुंचा है। वहीं प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 14 पुलिसकर्मियों के साथ करीब 100 लोगों ने अपनी जान गवाई है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हैं। जिसके बाद पूरे देश में प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए गृह मंत्रालय ने 4 अगस्त रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है, साथ ही इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश यात्रा न करने की दी सख्त सलाह
इन सब के बीच अब भारत में विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर मौजूदा घटनाक्रमों को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है। साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी, अपनी गतिविधियों को सीमित रखना होगा। साथ ही ढाका में भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फ़ोन नंबर + 8801958383679 +8801958383680 +8801937400591 के ज़रिए संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।
बांग्लादेश में सुलग रही आग की यह है वजह!
साल 1971 में मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मिली और एक साल बाद 1972 में बांग्लादेश की सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण का ऐलान कर दिया। इसी आरक्षण के विरोध में इस वक्त बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी दिव्यांग लोगों और जातीय समूहों के लिए 6 प्रतिशत कोटे का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वह स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के वंशजों के आरक्षण के खिलाफ हैं। यह विरोध जून महीने के अंत में शुरू हुआ था, तब यह हिंसक नहीं था। लेकिन अब यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। इस विरोध प्रदर्शनों में अब हजारों लोग सड़क पर उतर आए।