Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024, सोमवार को है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और सुरक्षा के वादे का प्रतीक होता है। आइए जानें इस बार के रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
रक्षाबंधन 2024 की तारीख और समय
रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को सुबह 03:04 बजे से शुरू होकर रात 11:55 बजे तक रहेगी।
भद्रा का समय और महत्व
चंद्रमा मकर राशि में होने के कारण भद्रा पाताल लोक में निवास करेगी, जो अधिक चिंता जनक नहीं मानी जाती। हालांकि, भद्रा की अशुभता से बचने के लिए राखी बांधने का आदर्श समय दोपहर 01:35 बजे के बाद है। रक्षाबंधन के दिन भद्रा का समय विशेष महत्व रखता है। क्योंकि भद्रा को अशुभ समय माना जाता है, इसलिए राखी बांधने के लिए सही समय भद्रा समाप्ति के बाद होता है।
रक्षाबंधन का मुहूर्त
राखी बांधने का मुहूर्त: दोपहर 02:02 से रात 09:05 तक
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 02:02 से शाम 04:19 तक
प्रदोष मुहूर्त: शाम 06:56 से रात 09:07 तक
शुभ चौघड़िया समय
रक्षाबंधन के दिन तीन शुभ चौघड़िया निम्नलिखित समय में होते हैं:
चर चौघड़िया: दोपहर 02:02 से 03:40 तक
लाभ चौघड़िया: दोपहर 03:40 से शाम 05:18 तक
अमृत चौघड़िया: शाम 05:18 से 06:56 तक
भद्रा में राखी बांधने का कारण
पौराणिक कथा के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधने से अशुभ परिणाम हो सकते हैं। कहा जाता है कि लंकापति रावण की बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी और उनका विनाश हो गया था। इसलिए, भद्रा काल में शुभ कार्यों से बचना चाहिए।
रक्षाबंधन पूजा विधि
पूजा की तैयारी: एक थाल लें जिसमें रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और मिठाई रखें। एक दीपक भी रखें।
भगवान की पूजा: सबसे पहले भगवान को थाल समर्पित करें।
भाई की पूजा: भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बैठाएं। तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधें।
आरती और मिठाई: भाई की आरती करें और मिठाई खिलाकर मंगल कामना करें।
रक्षासूत्र (राखी) की विशेषताएं
रक्षासूत्र तीन धागों का होना चाहिए जैसे- लाल, पीला और सफेद। इसमें चंदन लगा होना शुभ होता है। अगर चंदन नहीं हो, तो कलावा भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
रक्षाबंधन मंत्र
राखी बांधते वक्त इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और स्नेह बना रहता है।
“येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः
तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः”