Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में मुख्य आरोपी और और छह अन्य का पॉलीग्राफ टेस्ट शनिवार को शुरू हो गया। इस पॉलीग्राफ टेस्ट का प्रयोग सच्चाई का पता लगाने के लिए किया जाता है, जिसके दौरान प्रश्नों के उत्तर देते समय व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मशीन की मदद से मापा जाता है। दिल्ली के केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला Central Forensic Science Laboratory (CFSL) से ‘पॉलीग्राफ’ एक्सपर्ट की एक टीम कोलकाता पहुंच गई है।
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार डॉक्टर और एक सिविल वालंटियर समेत छह अन्य का पॉलीग्राफ टेस्ट एजेंसी के कार्यालय में किया जाएगा, जबकि मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट उसी जेल में किया जाएगा जहां वह बंद है।
किन लोगों का हो रहा पॉलीग्राफ टेस्ट?
मुख्य आरोपी समेत मामले में कुल सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट हो रहा है। दरअसल CBI ने अदालत ने से संजय रॉय और संदीप घोष के अलावा घटना से जुड़े पांच अन्य लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति मांगी थी।
इन पांच लोगों में चार डॉक्टर हैं जिन्होंने घटना वाले दिन मृतक डॉक्टर के साथ खाना खाया था और एक सिविल वालंटियर भी शामिल है। CBI ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि कोलकाता पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के मामले को दबाने के लिए अपराध स्थल से छेड़छाड़ की थी। अदालत ने CBI को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए 17 सितंबर तक यानी तीन सप्ताह का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने (CISF) को सौंपी अस्पताल की सुरक्षा
इसके अलावा एक अलग घटनाक्रम में सियालदह कोर्ट ने शुक्रवार को संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यह हिरासत 6 सितंबर, 2024 तक CBI की निगरानी में रहेगी। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल की सुरक्षा (CISF) को सौंपने का आदेश दिया था। ट्रेनी डॉक्टर की हत्या की घटना के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। और यह निर्णय पश्चिम बंगाल में बढ़ते विरोध के बीच आया है।