Jan Suraaj Party: प्रशांत किशोर क्यों कर रहें महिला वोटर्स पर फोकस ? आइये समझते हैं इसके सियासी मायने

Published

Jan Suraaj Party: बिहार की सियासत में उभरते हुए चेहरे के तौर पर प्रशांत किशोर ने अपनी जगह बनाई है ऐसे में उनकी लोकप्रियता कई राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रही है। जन सुराज (Jan suraaj party) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने रविवार को पटना में ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि वो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2024 में कम से कम 40 महिला उम्मीदवारों को जनसुराज की तरफ से जीत दिलाएंगे और विधानसभा ले जाएंगे।

पटना में महिला संवाद में प्रशांत किशोर की अपील

प्रशांत किशोर के जनसुराज की चर्चा अभी सियासी गलियारों से लेकर बिहार के आम जनों तक हो रही है। आपको बता दें कि अधिक से अधिक युवाओं और महिलाओं को जनसुराज से जोड़ने की तैयारी लगातार पीके कर रहे हैं। अलग-अलग कार्यक्रमों के तहत उन्हें जनसुराज की तरफ लाने का प्रयास किया जा रहा है. रविवार को पटना में महिला संवाद का आयोजन जिस तरह किया गया और महिलाओं को जनसुराज से जुड़ने की अपील प्रशांत किशोर ने जिस अंदाज में की है उसपर सियासी पंडितों की अपनी व्याख्या है।

आकड़ों को देखकर समझिये समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महिला मतदाताओं ने पुरुषों की तुलना में 5.01 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने मतदान किया था। वहीं, अगर बात उससे भी पहले की करें तो 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसमें भी पुरुषों की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने मतदान किया था। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में भी महिला मतदाताएं आगे रहीं. हर फेज में महिला वोटरों की लंबी कतारें बूथों पर देखी गयी हैं।

महिलाओं को साधने के पीछे क्या हो सकती है वजह?

पटना में महिला संवाद कार्यक्रम जिस अंदाज में किया गया उसे लेकर सियासी मामलों के जानकार कहते हैं कि बिहार में महिलाएं पुरूषों की अपेक्षा मतदान को लेकर अधिक जागरूक रहती हैं। अगर लोकसभा चुनाव व पिछले विधानसभा चुनाव में मतदान के आकंड़े को देखें तो ये मालूम होता है कि महिलाओं का मतदान प्रतिशत हर फेज में अधिक रहा है। एक तरह से कहा जाए तो महिलाएं जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं।