आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जाति व्यवस्था पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने जाति को लेकर कहा कि यह पंडितों द्वारा बनाई गई है। भगवान के सामने तो सब एक हैं। हमारे समाज के लिए अजीविका का मतलब समाज के प्रति जिम्मेदारी होती है, तो फिर समाज के लिए कोई उंचा, कोई नीचा, कोई अलग कैसे हो गया? ये भेदभाव ही है जिसका फायदा फायदा उठाकर दूसरों ने हमारे देश पर आक्रमण किए।
भागवत ने सभी धर्मों और ईश्वर को एक बताया
आरएसएस को लेकर आमतौर पर कट्टरपंथी और एक जाति यानी सिर्फ ब्राह्मणों को फेवर करने का आरोप लगता रहा है। लेकिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीते कुछ बयानों को समझे तो ये बयान इसके विपरीत हैं। भागवत ने सभी धर्मों और ईश्वर को एक बताया है। इससे पहले वाले बयानों में उन्होंने धार्मिक एकता की बातें कही। लेकिन इस बार उन्होंने जाति में भेदभाव पर टिप्पणी कर आरएसएस के प्रति लोगों के नजरिए को बदलने की कोशिश की है।
सभी मनुष्य के अंदर एक ही चेतना है
इस बार उन्होंने जाति को लेकर इतनी गंभीर बातें कही है कि हर कोई हैरान है। वो इस बार सीधे-सीधे पंडितों को निशाने पर ले रहे हैं। उनका कहना है कि भगवान ने हमेशा बोला कि मेरे लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति वर्ण नहीं है। पंडितों ने जाति बनाई, वो गलता था। सभी मनुष्य के अंदर एक ही चेतना है, उसमें कोई भेदभाव नहीं है।
संत रविदास संत शिरोमणि हैं
भागवत ने इतिहास में हुए भेदभाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिया कि भगवान हैं। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है। इसके अलावा मोहन भागवत ने जो अहम बातें कही वो ये कि संत रविदास संत शिरोमणि हैं।
इसे भी पढ़ें – RSS पर क्यों लगा था बैन, जानिए पूरी कहानी…