Haryana Assembly Elections 2024: AAP के साथ गठबंधन कांग्रेस के लिए फायदेमंद! जानिए हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्या है AAP की भूमिका?

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Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन हो सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा में गठबंधन कर खेला करने की तैयारी में हैं।

बता दें, लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने विपक्ष की बेहतर भूमिका निभाते हुए एनडीए को कांटे की टक्कर दी थी। परिणाम बीजेपी के हित में रहा, लेकिन विपक्ष ने सभी को अपने प्रदर्शन से हैरान कर दिया।

आइए जानते हैं कि कांग्रेस और आप पार्टी का गठबंधन हरियाणा चुनाव में किस तरह से काम करेगा?….

कांग्रेस-AAP का गठबंधन कितना फायदेमंद?

बता दें, आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन दिल्ली की तुलना में हिरयाणा में बहुत कमजोर है। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो हरियाणा में कांग्रेस की अच्छी खासी धाक है। ऐसे में अगर आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता है, तो आप की मौजूदगी चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकती है और गठबंधन के हित में परिणाम आने की संभावना बढ़ जाएगी। क्योंकि किसान आंदोलन के बाद से किसान और जाट समाज बीजेपी से नाराज चल रहे हैं।

दोनों पर्टियों के लिए ये सुनहरा मौका है, जिसका (किसान आंदोलन) फायदा दोनों पार्टियां हरियाणा विधानसभा चुनाव में उठा सकती हैं।

लेकिन आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होता है, तो दोनों पार्टियों का वोट बैंक बट जाएगा और अगर ऐसा होता है तो इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्या है AAP की भूमिका?

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी के पास 40, कांग्रेस के पास 31 और अन्य के पास 19 सीटें हैं। अब देखना ये है कि 2024 के विधानसभा चुनावों का परिणाम क्या रहने वाला है। क्योंकि इसको लेकर जुवानी जंग तेज हो चुकी है और तीनों प्रमुख पार्टियां ( भाजपा-कांग्रेस-आम आदमी पार्टी) सभी सीटों पर लड़ने का रोड मैप भी तैयार कर चुकी हैं। लेकिन कांग्रेस के लिए आप का हरियाणा में उतरना घातक साबित होता दिखाई दे रहा है। क्योंकि कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में आप अपने उम्मीदवार उतरती है, तो कांग्रेस को कुछ सीटों पर हार मिल सकती है।

AAP हरियाणा विधानसभा चुनाव में निभाएगा अहम भूमिका?

वैसे तो आप का प्रभाव हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी की तुलना में बहुत कम है। लेकिन राज्य की सीमा से लगे पंजाब और दिल्ली की करें, तो दोनों ही राज्यों में आप का प्रदर्शन बेहद मजबूत है। दोनों ही राज्यों में आप की सरकार है।

वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान पहले ही कह चुके हैं कि प्रदेश से सटी सीमा पर जो विधानसभा क्षेत्र में आते हैं, उनपर पार्टी खास फोकस करेगी। सीएम मान की इस बात के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी हरियाणा की जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो सकती है।

लेकिन, अकेले दम पर आम आदमी पार्टी का हरियाणा में जीत का दावा ठोकना किसी हद तक ठीक नहीं दिख रहा है। क्योंकि पार्टी ऐसे दौर से गुजर रही है, जब पार्टी के मुख्य फेस (अरविंद केजरीवाल) जेल में हैं। वहीं, दूसरी बड़ी बात ये है कि हरियाणा में आप पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही है और पार्टी के प्रचार की कमान सीएम केजरीवाल की पत्नि सुनीता केजरीवाल ने अपने हाथों में थाम रखी है।

ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि आप को दिल्ली लोकसभा चुनाव की तरह ही हरिणाया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का हाथ थामना चाहिए। भले ही लोकसभा में दोनों पार्टियां एक साथ आकर बीजेपी का विजय रथ न रोक पाई हों, लेकिन विधानसाभ चुनाव में परस्थितियां बहुत अगल हैं। यहां पर बीजेपी कुछ जगह पर कमजोर दिखाई दे रही है और कांग्रेस थोड़ी मजबूत।

ऐसे में अगर आप, कांग्रेस का हाथ थामती है तो दोनों पार्टियां बीजेपी को टक्कर दे सकती हैं।