Former Pakistan President Pervez Musharraf: भारत ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है, जिसके बाद अब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का नामोनिशान भारत की जमीन से पूरी तरह से मिटने वाला है। पाकिस्तान को यह झटका देने जा रहा है उत्तर प्रदेश जहां के मुख्यमंत्री हैं योगी आदित्यनाथ।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का यूपी से रहा नाता
दरअसल उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का नाता रहा है। परवेज मुशर्रफ का खानदान बागपत जिले के कोताना गांव से ताल्लुक रखता था। उनके पिता भी यहीं पैदा हुए और फिर दिल्ली चले गए। परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव की रहने वाले थे। दोनों की शादी कोताना में हुई थी। बाद में वे दिल्ली चले गए जहां परवेज मुशर्रफ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ।
देश बंटवारे के समय उनका परिवार पाकिस्तान में बस गया लेकिन दिल्ली और कोताना में उनकी संपत्ति रह गई। हालांकि कोताना में परवेज मुशर्रफ की जमीन बेच दी गई, लेकिन उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ और परिवार के सदस्यों की दस बीघा से ज्यादा खेती की जमीन बच गई थी। जिसमें उनकी हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी। जबकि कुछ संपत्ति नूरु नाम के शख्स ने खरीद ली थी जिसका नाम भी दर्ज है, जो बाद में पाकिस्तान चला गया था।
परवेज मुशर्रफ के परिवार की जमीन शत्रु संपत्ति में हुई दर्ज
वहीं आज से पंद्रह साल पहले परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ और परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया गया। अब शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने बांगर की इस संपत्ति की नीलामी शुरू कर दी है, जो पांच सितंबर तक ऑनलाइन पूरी होगी। इस संपत्ति को नीलामी के बाद, रिकॉर्ड में नई मालकिन या मालिक के नाम दर्ज किए जाएगा।
हालांकि कोताना के बाशिंदों का कहना हैं कि मुशर्रफ कभी इस गांव में नहीं आए और ना उन्होंने देखा हालांकि उनके चचेरे भाई गांव आते जाते रहे हैं। और फिलहाल मुशर्रफ की भी कोई जमीन अब नहीं बची है। उनकी हवेली हुमायूं के नाम दर्ज हुई थी थी वो अब बदहाल है। उधर प्रशासन के मुताबिक शत्रु संपत्ति की नीलामी शुरू कर दी गई। दस्तावेज में नूरु का नाम दर्ज हैं जिसका अभी मुशर्रफ़ से तो कोई नाता नहीं है।