सासाराम/बिहार: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद तीन महीने बाद जमानत पर जेल से बाहर आए. बता दें कि नवरात्रि में सासाराम जिले में दो गुटों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हो गया था.
इस हिंसा में कई लोगों की जान भी चली गई थी. इस हिंसा में जवाहर प्रसाद पर दंगा भड़काने का आरोप लगा लगा और उस दौरान हुई हत्याकांड में भी जवाहर को आरोपी बनाया गया.
तीन महीने बाद जेल से बाहर आए जवाहर
रामनवमी के जुलूस के बाद हुए उपद्रव के मामले में वारदात के एक महीने बाद जवाहर की गिरफ्तारी हुई थी. तीन महीने के बाद जेल से बाहर आने पर उन्होंने सरकार पर तीखा हमला किया है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राज्य की सरकार साधु संतों को जेल में रख रही है और चोर उचक्के बाहर घूम रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि आपराधिक तत्व खुलेआम अपराध कर रहे हैं और सज्जन प्रवृत्ति के लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है.
‘मेरे ऊपर लगे आरोप निराधार’
जवाहर प्रसाद ने कहा कि उन पर लगाए तमाम आरोप निराधार हैं. उन्होंने आगे कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दिया है, जिसके आधार पर वह आज जेल से छूटे हैं.
उन्होंने बिहार सरकार को अंधी-बहरी सरकार करार दिया और कहा कि रामनवमी के बाद हुए दंगों में किसी मुस्लिम ने हिंदू पर या किसी हिंदू ने मुस्लिम पर कोई एफ.आई.आर दर्ज नहीं कराई. उन्होंने आगे कहा कि इससे साबित होता है कि इलाके के लोग शांति पसंद करते हैं.
सासाराम, बिहार
रिपोर्ट: रंजन