क्या है “One Nation-One Election”? जानिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने अपने रिपोर्ट में क्या प्रस्ताव रखा

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मोदी कैबिनेट ने दी " One Nation-One Election " प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। समिति द्वारा देश में ” One Nation-One Election” को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति को दिए गए प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्रस्ताव संसद में पेश किया जाएगा और इसे कानून बनने से पहले लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पारित होना होगा।

One Nation-One Election के प्रस्ताव में क्या है?

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने देश में एक चुनाव कराने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव दिया था। समिति के रिपोर्ट में देश में लोकसभा, विधानसभा तथा शहरी निकाय और पंचायत चुनाव 100 दिनों के भीतर एक साथ कराए जाने की सिफारिश की थी।

दो चरणों में होंगे एक साथ चुनाव

देश में एक साथ चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि सीमित के रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई, प्रस्ताव को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव (ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला पंचायत) और शहरी स्थानीय निकाय (नगर पालिका और नगर निगम) के चुनाव होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने पर कोविंद पैनल की सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यान्वयन समूह का गठन किया जाएगा।

191 दिनों समिति ने तैयार की One Nation-One Election की रिपोर्ट

ज्ञात हो कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्य समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। समिति ने 191 दिनों के भीतर हितधारकों, विशेषज्ञों और शोध कार्यों के साथ व्यापक परामर्श के आधार पर 18,626 पृष्ठों का रिपोर्ट तैयार की गई है। समिति ने एक साथ चुनाव के लाभों पर प्रकाश डालते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा कि ‘One Nation-One Election’ अधिक से अधिक मतदान की सुविधा प्रदान करता है। समिति ने बताया कि बीच-बीच में होने वाले चुनावों से आर्थिक विकास, सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता और शैक्षिक और अन्य परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, साथ ही सामाजिक सद्भाव भी बिगड़ता है। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

-गौतम कुमार