Tirupati Prasad Row: तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद को लेकर एक विवाद आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट पहुंच गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रसादम में पशु वसा मिलाया गया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है। हाईकोर्ट ने 25 सितंबर तक जनहित याचिका दायर करने का सुझाव दिया है।
क्या है पूरा मामला?
बुधवार (18 सितंबर) को आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि उनके कार्यकाल के दौरान तिरुपति मंदिर के प्रसाद (Tirupati Prasad) में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। मुख्यमंत्री के दावे के बाद हुए प्रसाद की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल का इस्तेमाल किया गया था।
प्रसाद की क्वालिटी से छेड़छाड़ का आरोप
एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मंदिर के प्रसाद (Tirupati Prasad) के में घी के जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। उन्हें अपनी सरकार को लेकर दावा किया कि उनकी सरकार बनने के बाद मंदिर के प्रसाद में मिलावट को दूर करने के प्रयास किए गए और प्रसाद की क्वालिटी को बेहतर किया गया।
YSRCP ने किया आरोप का खंडन
मुख्यमंत्री के आरोप पर पलटवार करते हुए YSRCP ने कहा कि सीएम नायडू ने दिव्य मंदिर की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को बदनाम किया है। इससे यह साबित होता है कि मुख्यमंत्री अपनी राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्तों की आस्था के लिए मैं और मेरा परिवार तिरुमाला प्रसाद को लेकर लगाए गए आरोप के लिए शपथ लेने के लिए तैयार है। लेकिन क्या अपने आरोप के प्रामाणिकता के लिए चंद्रबाबू नायडू सबूत दे पाएंगे?