Rajasthan News: महिला डॉक्टर की डेंगू से मौत, डेढ़ साल की बेटी ठीक हुई, तो मां ने तोड़ा दम

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Rajasthan News: राजस्थान के दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा उप जिला अस्पताल में तैनात महिला डॉक्टर, डॉ. ज्योति मीणा की डेंगू से मौत हो गई। डॉ. ज्योति की डेढ़ साल की बेटी भी डेंगू से संक्रमित हुई थी, लेकिन इलाज के बाद वह ठीक हो गई थी। वहीं, 24 सितंबर को डॉ. ज्योति भी डेंगू की चपेट में आ गईं और जयपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान 25 सितंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।

डॉ. ज्योति मीणा और उनके पति, डॉ. धर्म सिंह मीणा दोनों रामगढ़ पचवारा अस्पताल में डॉक्टर थे। उनके निधन से चिकित्सा विभाग में शोक की लहर है।

इस घटना से डेंगू के प्रति चिकित्सा विभाग की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि एक डॉक्टर होते हुए भी वह इस बीमारी का शिकार हो गईं, जिससे चिकित्सा प्रणाली की खामियां उजागर हो रही हैं।

कितने प्रकार का होता है डेंगू ?

डेंगू मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं, जो चार अलग-अलग डेंगू वायरस (DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4) के कारण होते हैं। यदि कोई व्यक्ति एक प्रकार के वायरस से संक्रमित हो चुका है, तो वह उसी वायरस से दुबारा संक्रमित नहीं होता, लेकिन अन्य प्रकार के वायरस से फिर से संक्रमित हो सकता है।

जानें कितना खतरनाक होता है डेंगू?

साधारण डेंगू बुखार: इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और शरीर पर लाल चकत्ते होते हैं। यह आमतौर पर कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है।

डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF): यह स्थिति गंभीर होती है, जिसमें ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है, रक्तस्राव होने लगता है, और कभी-कभी अंग विफल हो सकते हैं। इलाज न करने पर यह जानलेवा हो सकता है।

डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS): यह डेंगू का सबसे खतरनाक रूप है, जिसमें तेज रक्तचाप कम हो जाता है और शरीर में शॉक की स्थिति पैदा हो जाती है। इसे तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है, अन्यथा जान का खतरा हो सकता है।