Navratri 2024: आखिर डांडिया-गरबा का नवरात्रि से क्या है कनेक्शन? जानें

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Navratri 2024

Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होने जा रही है। इस दौरान सभी लोग देवी के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही इस दौरान डांडिया और गरबा भी खेला जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के समय ही डांडिया और गरबा क्यों खेला जाता है? अगर नहीं तो आइए जानते हैं-

मां दुर्गा के साथ सीधा कनेक्शन

बता दें कि महाराष्ट्र और गुजरात में होने वाले इस लोक नृत्य का मां दुर्गा के साथ सीधा कनेक्शन है। गरबा और डांडिया की उत्पत्ति गुजरात से हुई थी। लेकिन देवी के भक्त पूरे देश में हैं, इसलिए नवरात्रि में गरबा और डांडिया का आयोजन पूरे देश में किया जाता है।

विजय का प्रतीक माना जाता है नृत्य

धार्मिक मान्यताओं की मानें, तो इस नृत्य का आयोजन केवल नवरात्रि का समय ही किया जाता है। क्योंकि ये नृत्य देवी दुर्गा और राक्षस महिषासुर के बीच नौ दिवसीय युद्ध के विजय का प्रतीक माना जाता है। इस युद्ध में देवी दुर्गा की जीत हुई थी। इसलिए नवरात्रि में इस नृत्य साधना से भक्त देवी माता को प्रसन्न करते हैं और साथ ही उसका आशीर्वाद लेते हैं।

गरबा नृत्य

गरबा का अर्थ गर्भ दीप होता है। गरबा नृत्य करने से पहले देवी की पूजा की जाती है। फिर देवी की प्रतिमा के सामने मिट्टी के कलश में छेद करके दीप जलाया जाता है। उसमें एक चांदी का सिक्का भी डालते हैं। इसी दीप की हल्की रोशनी में गरबा किया जाता है।

डांडिया नृत्य

डांडिया खेलते समय पुरुष और महिलाएं दोनों रंगीन और सजावटी बांस की छड़ियों के साथ ढोलक और तबला जैसे वाद्ययंत्रों पर नृत्य किया जाता है। इस नृत्य को देवी-देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध को प्रस्तुत करने का एक सुंदर तरीका माना जाता है।

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