UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर (मंगलवार) को Former SP MLA Irfan Solanki के साथ 3 लोगों की जमानत मंजूर कर ली। इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान और बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने जमानत याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी। जिसके बाद जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने सुनवाई की। बता दें, इन सभी पर बांग्लादेशी नागरिक को गलत तरीके से भारत में रुकने के लिए फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज बनवाने में सहयोग करने का आरोप है।
बांग्लादेश से परिवार के साथ भारत आया था रिजवान
जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने एक हिंदू महिला से शादी की और उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया। इसके बाद महिला ने अपना धर्म परिवर्तन कर हिना नाम रख लिया और बांग्लादेश की नागरिकता ले ली। उनके तीन बच्चे भी हुए। 2016 में रिजवान और हिना अपने बच्चों को लेकर कानपुर आ गए। जिसके बाद उन्होंने यहां पर पार्षद मन्नू रहमान और Former SP MLA Irfan Solanki के सहयोग से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए। जिसके आधार पर उन्होंने अपने बच्चों का कानपुर के स्कूलों में प्रवेश करवाया।
इन्वेस्टीगेशन में आरोपी पाए गए इरफान सोलंकी!
मामला जब संज्ञान में आया तब शुरुआत में रिजवान, हिना और उनके तीनों बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, इन्वेस्टीगेशन के दौरान सामने आया कि इरफान सोलंकी और मन्नू रहमान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग किया था। इन्वेस्टिगेटर ने उनके नाम शामिल करते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।
कोर्ट ने तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर मंजूर की जमानत
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में हिना की जमानत पहले हो चुकी है। आरोपियों की ओर से दलील दी गई कि सह आरोपी को जमानत मिल चुकी है। अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि रिजवान वैध वीजा पर भारत आया है। उन पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। बता दें, कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों की सर्शत जमानत मंजूर कर ली है।
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