बारां/राजस्थान: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बारां प्रवास के पहले दिन (4 अक्टूबर) धर्मादा धर्मशाला में संघ के सभी जिला एवं विभाग प्रचारकों के साथ बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य संघ के शताब्दी वर्ष के निमित्त कार्य विस्तार की योजनाओं और उनके दृढ़ीकरण पर चर्चा करना था।
संघ के शताब्दी वर्ष का लक्ष्य?
सरसंघचालक डॉ. भागवत ने स्पष्ट किया कि शताब्दी वर्ष केवल उत्सव के रूप में नहीं मनाया जाएगा, बल्कि डॉक्टर हेडगेवार के संगठित, सबल और अनुशासित हिन्दू समाज के सपने को पूरा करना संघ का प्रमुख ध्येय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर ग्राम और नगरीय क्षेत्र तक संघ के कार्य का विस्तार किया जाएगा ताकि समाज को स्वावलंबी और अनुशासित बनाया जा सके।
सज्जन शक्ति के माध्यम से समाज शक्ति का निर्माण- मोहन भागवत
डॉ. भागवत ने कहा कि समाज को सशक्त बनाने के लिए सज्जन शक्ति का सहारा लेना होगा और जन जागरण का अभियान हर गांव तक व्यापक रूप से फैलाना होगा। इसके लिए बड़ी संख्या में समय देने वाले कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होगी, जो समाज को अनुशासन और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ा सकें।
कार्य विस्तार पर व्यापक चर्चा
बैठक में संघ के कार्य विस्तार के संदर्भ में व्यापक समीक्षा की गई और सभी जिला एवं विभाग प्रचारकों ने अपने-अपने क्षेत्र की योजनाओं पर चर्चा की। बैठक में वरिष्ठ प्रचारक अरुण जैन, सुरेशचंद, बलिराम और निम्बाराम भी उपस्थित थे। संस्था धर्मदा धर्मशाला में पहुंचने पर सरसंघचालक का पारंपरिक तरीके से तिलक लगाकर और श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया।