Muzaffarpur Navratri 2024: मुजफ्फरपुर के बाह्रमणटोली स्थित महामाया बाबू लेन दुर्गास्थान में मां दुर्गा की प्रतिमा के नेत्रोद्घाटन का समारोह धूमधाम से मनाया गया। यह स्थान शहर के सबसे प्राचीन दुर्गास्थानों में से एक है, जहां पिछले साढ़े तीन सौ वर्षों से मां दुर्गा की पूजा विधिपूर्वक की जा रही है।
कैसे पूरी हुई पूजा विधि?
पूजन की प्रक्रिया में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आचार्य डॉ. चंदन उपाध्याय ने मां दुर्गा का बिल्वामंत्रण, आवाहन, बोधन और आमंत्रण किया। पूजा के दौरान माता को 44 प्रकार की मिट्टी से स्नान कराकर विभिन्न जल स्रोतों का जल अर्पित किया गया, जिसमें वर्षा का जल, तीर्थों का जल और समुद्र का जल शामिल था।
इस पूजा के यजमान प्रमोद कुमार ओझा और उनके परिवार के सदस्यों ने भोग अर्पित कर महाआरती की। यह जानकारी देते हुए आचार्य डॉ. चंदन उपाध्याय ने बताया कि यहां सदियों से पूजा की पद्धति हस्तलिखित पांडुलिपि में संरक्षित है, जो इस स्थल की धार्मिक महत्ता को दर्शाती है। मां दुर्गा की इस ऐतिहासिक पूजा ने शहरवासियों में एक नई ऊर्जा और श्रद्धा का संचार किया है, और यह परंपरा आगे भी जारी रहने की उम्मीद जगाती है।