Baba Siddiqui Murder Case: शूटरों को मिली थी 50-50 हजार की सुपारी, लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े कनेक्शन, जानें कैसे… मुंबई में बैठकर रची गई हत्या की साजिश

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Baba Siddiqui Murder Case: NCP नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. सूत्रों के अनुसार, हत्या की साजिश पहले से रची गई थी, और हमलावर दो महीने से सिद्दीकी के ठिकानों पर नजर रख रहे थे. इतना ही नहीं इस हत्या के तार लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं, जो की सबसे हैरानी वाली बात है क्योंकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि इस हादसे के तार कुछ दिनों पहले अभिनेता सलमान खान के घर के सामने हुई फायरिंग से भी जोड़कर देखे जा रहे हैं. लेकिन उस मामले में जांच अभी भी जारी है.

शूटरों को 50-50 हजार रुपये की सुपारी

सूत्रों के मुताबिक, हत्या के तीनों आरोपियों को शूटिंग से कुछ दिन पहले प्रीपेड कूरियर से हथियार भेजे गए थे और प्रत्येक को 50,000 रुपये दिए गए थे. आरोपी 2 सितंबर से मुंबई के कुर्ला इलाके में किराए के कमरे में रह रहे थे, जहां वे हर महीने 14,000 रुपये का किराया दे रहे थे. लेकिन इन तीनों आरोपियों के बीच एक बात समान पाई है, और वो है कि ये तीनों आरोपी पहले पंजाब की जेल में बंद रहते हुए एक-दूसरे से मिले थे. शायद यहीं से ही इनके कनेक्शन लॉरेंस बिश्नोई गैंग से हुए होंगे.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा कनेक्शन

पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि दो गिरफ्तार आरोपियों, करनैल सिंह (हरियाणा) और धर्मराज कश्यप (उत्तर प्रदेश) ने पूछताछ के दौरान इस बात का दावा किया कि वे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से जुड़े हैं, जो फिलहाल जेल में बंद है. पुलिस अब तीसरे आरोपी की तलाश कर रही है, जो अभी भी फरार है.

मुंबई में बैठकर रची गई हत्या की साजिश

सूत्रों ने बताया कि हमलावर दो महीने से ज्यादा समय से बाबा सिद्दीकी की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे. जैसा कि इस हत्या में सामने आया है कि हत्यारों ने एक योजनाबद्ध तरीके से इस साजिश को अंजाम दिया. फिलहाल पुलिस इस मामले में ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ की जांच की जा रही है, क्योंकि मास्टरमाइंड ने बिना किसी चेतावनी के शूटरों को सुपारी दी थी. लेकिन बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद एक बात और है, जो मीडिया में सामने आई है, और वो है कि उनकी हत्या से करीब 15 दिन पहले उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. यही कारण था कि उन्हें Y+ सुरक्षा दी गई थी. लेकिन इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है कि ये धमकी बाबा सिद्दीकी को किसने दी थी.

पटाखों की आड़ में की गई फायरिंग

बाबा सिद्दीकी के हत्यारों की प्लानिंग ऐसी थी कि इस घटना को दशहरा के दिन अंजाम दिया गया, ताकि जब सिद्दीकी पर हमला किया जाए तो हमलावर पटाखों की आवाज का फायदा उठा सकें, और ठीक वैसा ही हुआ. दशहरा के दिन शाम के समय लोग आतिशबाजी कर रहे थे. इसी दौरान तीन नकाबपोश हमलावर एक कार से उतरे और 9.9 मिमी पिस्तौल से बिना किसी चेतावनी के फायरिंग शुरू कर दी. हमलावरों ने पटाखों की आवाज का फुल कवर मिला और गोलियों की आवाज दशहरा की आतिशबाजी में दबकर रह गई. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने सिद्दीकी पर छह राउंड फायर किए, जिनमें से दो गोलियां सिद्दीकी को लगीं.

बाबा सिद्दीकी की मौत की पुष्टि

लीलावती अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी को रात 9:30 बजे अस्पताल लाया गया था. उनकी नब्ज और रक्तचाप कमजोर हो चुके थे. डॉक्टरों ने बताया कि सिद्दीकी के सीने पर दो गोलियां लगी थीं और उन्हें रात 11:27 बजे मृत घोषित कर दिया गया.

सीएम शिंदे ने फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई का वादा किया

इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बाबा सिद्दीकी के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दो आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की और कहा कि तीसरे फरार आरोपी की तलाश जारी है. शिंदे ने यह भी वादा किया कि इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में की जाएगी ताकि दोषियों को जल्द सजा मिल सके.

बाबा सिद्दीकी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का अंतिम संस्कार रविवार (13 अक्टूबर) की शाम को राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. सिद्दीकी ने 2004 से 2008 के बीच महाराष्ट्र में विभिन्न विभागों के राज्य मंत्री और म्हाडा के अध्यक्ष के रूप में सेवा की थी. वे अपनी राजनीतिक सूझबूझ और बॉलीवुड की भव्य इफ्तार पार्टियों के लिए भी प्रसिद्ध थे.