‘जल जीवन मिशन’ घोटाले में 20 ठिकानों पर ED की कार्रवाई, मंत्रियों से लेकर IAS अधिकारियों के घर छापेमारी

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झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज (14 अक्टूबर) एक पुराने घोटाले (जल जीवन मिशन) के तहत 20 ठिकानों पर छापेमारी की. अपनी इस कार्रवाई में ED ने विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी. ED ने जिन 20 ठिकानों पर कार्रवाई की वे सभी मंत्रियों से लेकर IAS अधिकारियों के घर हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, ED कथित तौर पर मिथलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, उनके निजी सचिव हरेंद्र सिंह और रांची के इंद्रपुरी, रातू रोड, हरमू और मोरहाबादी सहित कई विभाग के इंजीनियरों के परिसरों पर भी छापेमारी कर रही है. साथ ही झारखंड के चाईबासा और गढ़वा में भी छापेमारी चल रही है.

बता दें कि, ठेकेदार से नेता बने मिथलेश ठाकुर मौजूदा प्रशासन में खासा प्रभाव रखते हैं. ग्रामीण विकास घोटाले के सिलसिले में ED की जांच के दायरे में आए मनीष रंजन काफी समय तक पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में सचिव रह चुके हैं.

क्या है मामला?

ईडी सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ये छापेमारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जल जीवन मिशन में अनियमितताओं की जांच के तहत कर रही है. अब सवाल यह है कि जल जीवन मिशन घोटाला है क्या, और इसमें किन-किन लोगों का नाम सामने आ रहा है? चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं…

मीडिया के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड में करोड़ों रुपए का पाइपलाइन घोटाला हुआ था. यह घोटाला पेयजल स्वच्छता शीर्ष कार्य प्रमंडल (PHED) विभाग में किया गया था. जहां एक कर्मचारी द्वारा फर्ज़ी कंपनी बनाकर उसके माध्यम से अपने सगे संबंधी के खाते में कुल 20 करोड़ रुपए डाले गए थे. इस मामले में रांची पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए कैशियर संतोष कुमार को इसी साल अप्रैल माह में गिरफ्तार भी किया था.

बता दें कि रुपये गबन करने का यह खेल संबंधित विभाग में पिछले कई सालों से चल रहा था, लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. बाद में जब नए कार्यपालक अभियंता की नियुक्ति हुई तो मामले का खुलासा हुआ. यही कारण है कि जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) IAS अधिकारी मनीष रंजन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर और उनके सहयोगियों सहित 20 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है.

4 हजार करोड़ से अधिक का हुआ था घोटाला!

इस बीच, उन सभी स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है जहां छापेमारी की जा रही है. बताया जाता है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में यह घोटाला काफी बड़े पैमाने पर हुआ है, जिसमें 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप लगाते हुए एक जनहित याचिका (PIL) पहले ही दायर की जा चुकी है.

ये वही घोटाला है, जिसके बारे में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी से लेकर भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता इसका जिक्र कर चुके हैं. जिसमें हर घर में पाइप से पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक केंद्रीय योजना से जुड़े मुद्दों को उठाया गया था.

विशेष रूप से, मंत्री आलमगीर आलम करोड़ों रुपये के टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही जेल में हैं. ED ने उनसे छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद 15 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था. सत्तर वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आलमगीर आलम राज्य विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.