India Mobile Congress 2024: मंगलवार को India Mobile Congress 2024 का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा प्राइवेसी के लिए वैश्विक मानकों का आह्वान किया. अपने उद्घाटन के दौरान दिए गए भाषण में पीएम मोदी ने उद्योग जगत के नेताओं, तकनीकी नवोन्मेषकों और स्टार्टअप्स से AI और डेटा प्राइवेसी के लिए वैश्विक मानक बनाने के लिए कहा.
डिजिटल क्षेत्र के लिए ढांचे की जरूरत
पीएम ने कहा, “नैतिक AI और डेटा प्राइवेसी के लिए वैश्विक मानक बनाएं जो विभिन्न देशों की विविधता का भी सम्मान करें.” प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पास एविएशन सेक्टर के लिए वैश्विक नियम हैं, हमें डिजिटल क्षेत्र के लिए भी इसी तरह के ढांचे की जरूरत है.
डिजिटल दुनिया को भी एविएशन सेक्टर की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा, “जिस तरह हमने एविएशन सेक्टर के लिए वैश्विक नियमों और विनियमों का ढांचा तैयार किया है, उसी तरह डिजिटल दुनिया को भी इसी तरह के ढांचे की जरूरत है।” प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) से इस पर काम करने और विभिन्न देशों की विविधता का सम्मान करने के लिए नैतिक एआई और डेटा गोपनीयता के लिए वैश्विक मानक बनाने को कहा.
मोदी ने कहा “मैं डब्ल्यूटीएसए के प्रत्येक सदस्य से यह सोचने के लिए कहना चाहूंगा कि दूरसंचार को सभी के लिए कैसे सुरक्षित बनाया जाए. इस परस्पर जुड़ी दुनिया में, सुरक्षा को बाद में नहीं सोचा जा सकता. भारत का डेटा संरक्षण अधिनियम और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.”
भारत ने पिछले साल जी-20 की अध्यक्षता के दौरान दुनिया के सामने यह मुद्दा रखा था
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले साल सितंबर में जी-20 की अध्यक्षता के दौरान दुनिया के सामने यह मुद्दा रखा था, “मैं इस मुद्दे को डब्ल्यूटीएसए जैसे वैश्विक मंच के सामने भी रखना चाहता हूं. यह मुद्दा डिजिटल तकनीक के वैश्विक ढांचे, वैश्विक दिशा-निर्देशों का है. अब समय आ गया है कि वैश्विक संस्थाओं को वैश्विक शासन के लिए इसके महत्व को स्वीकार करना होगा. तकनीक के लिए वैश्विक स्तर पर क्या करें और क्या न करें, इस पर निर्णय लेना होगा.”
साइबर खतरों से अकेले नहीं बचा सकता
पीएम मोदी ने कहा कि आज जितने भी डिजिटल उपकरण और एप्लिकेशन उपलब्ध हैं और जिनका उपयोग किया जा रहा है, वे किसी भी देश की सीमाओं से परे हैं. इसलिए कोई भी देश अपने नागरिकों को साइबर खतरों से अकेले नहीं बचा सकता. पीएम मोदी ने सभी वैश्विक संस्थाओं से इसके लिए काम करने को कहा, “हमें मिलकर काम करना होगा, वैश्विक संस्थाओं को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी होगी.”
यह भी पढ़ें: United Nations: भारत ने UN में जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को लपेटा, मानवाधिकारों के हनन पर उठाए ये सवाल