पाकिस्तान को उसी की सरजमीं पर भारत ने फटकारा! SCO समिट में जानें क्या बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

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S Jaishankar At SCO Summit
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S Jaishankar At SCO Summit: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक (SCO Summit) के लिए इस्लामाबाद में मौजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए.

बिना आपसी सम्मान के हल नहीं हो सकते मुद्दे

जयशंकर ने एससीओ शिखर सम्मेलन (SCO Summit) में भाषण दिया, जिसमें उन्होंने साझा मुद्दों को हल करने के लिए एससीओ मेंबर्स देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने क्षेत्र के भीतर स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया.

बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए. इसमें क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दी जानी चाहिए. एससीओ को एक अशांत दुनिया में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का जवाब देने में सक्षम और कुशल होना चाहिए. ‘

आतंकवाद-अलगाववाद पर बिना नाम लिए सुनाई खरी-खरी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उसे आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के मामले पर घेरने का काम किया.

उन्होंने कहा,’एससीओ का आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद का मुकाबला करने का प्राइमरी गोल मौजूदा समय में और भी महत्वपूर्ण है. इसके लिए ईमानदार बातचीत, विश्वास, अच्छे पड़ोसी और एससीओ चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की आवश्यकता है. एससीओ को इन ‘तीन बुराइयों’ का मुकाबला करने में दृढ़ और अटल होना चाहिए.’

इन वैश्विक मुद्दों पर भी की चर्चा

भारतीय विदेश मंत्री ने वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन आज के समय की वास्तविकताएं हैं. एससीओ देशों को इसे आगे ले जाने की आवश्यकता है. पड़ोसी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देना चाहिए और वास्तविक साझेदारी पर काम कर सकें, न कि एकतरफा एजेंडा पर. अगर हम सिर्फ ट्रेड और ट्रांजिट को ग्लोबल करना चाहते हैं तो एससीओ आगे नहीं बढ़ सकता.

जयशंकर ने एससीओ समिट (SCO Summit) में भारत का पक्ष रखते हुए इन बातों पर भी जोर दिया और एससीओ को भारतीय पहल से सीखने की नसीहत भी दी.

  • इंडस्ट्रियल कॉपरेशन कॉम्पिटिशन को बढ़ाने और लेबर मार्केट को बढ़ाने का काम कर सकता है. एमएसएमई सहयोग, सहयोगी कनेक्टिविटी, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई संभावित मार्ग हैं. चाहे वह स्वास्थ्य, भोजन या ऊर्जा सुरक्षा हो, हम स्पष्ट रूप से एक साथ काम करके बेहतर स्थिति में हैं.
  • डीपीआई, महिला-नेतृत्व वाले विकास, आईएसए, सीडीआरआई, मिशन लाइफ, जीबीए, योग, बाजरा, अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस आदि जैसी भारतीय पहल और प्रयास एससीओ के लिए प्रासंगिक हैं.
  • एससीओ को ग्लोबल इंस्टिट्यूट का नेतृत्व करना चाहिए ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधि, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने के लिए रिफोर्म्ड बहुपक्षवाद (multilateralism) के जरिए गति बनाए रखें.

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मुश्किल दौर में हो रही है एससीओ की बैठक

एससीओ बैठक (SCO Summit) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम विश्व मामलों में एक कठिन समय में मिल रहे हैं जब दो बड़े संघर्ष चल रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक का वैश्विक प्रभाव है. टेक्नॉलजी में बहुत संभावनाएं हैं, साथ ही यह कई चिंताएं भी पैदा करती है. देशों पर लगातार बढ़ता कर्ज एक गंभीर चिंता का विषय है.

इस्लामाबाद में एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने सहयोग के लाभों को महसूस करने के लिए समूह के चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया.

9 साल में पाकिस्तान जाने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री

आपको बता दें कि जयशंकर नौ साल में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं. इस तरह की आखिरी यात्रा सुषमा स्वराज की हुई थी, जो 8-9 दिसंबर, 2015 को अफगानिस्तान पर ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं. तत्कालीन भारत के विदेश सचिव जयशंकर, स्वराज के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे.

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