Cherenkov telescope: भारत ने लद्दाख में ही क्यों स्थापित की एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन… खासित जान चौंक जाएंगे आप!

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Cherenkov telescope: भारत ने खगोल भौतिकी और ब्रह्मांडीय किरण अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा निर्मित एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन का उद्घाटन लद्दाख के हानले में किया गया है. इस मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरीमेंट (MACE) वेधशाला का निर्माण BARC, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) और अन्य भारतीय साझेदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से किया गया है. इसका उद्घाटन परमाणु ऊर्जा विभाग की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया है.

वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि!

MACE वेधशाला भारत को ब्रह्मांडीय किरणों के अनुसंधान में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती है. इस दूरबीन की मदद से वैज्ञानिक उच्च-ऊर्जा गामा किरणों का अध्ययन कर सकेंगे, जिससे सुपरनोवा, ब्लैक होल और गामा-रे विस्फोट जैसी ब्रह्मांड की सबसे ऊर्जावान घटनाओं को समझने में सहायता मिलेगी. MACE परियोजना न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान में मदद करेगी, बल्कि लद्दाख के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान देगी.

4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित

MACE दूरबीन को 4,300 मीटर की ऊंचाई पर लद्दाख के हानले में स्थापित किया गया है, जिससे यह इस प्रकार की सबसे ऊंची दूरबीन भी बन गई है. यह भारत के मल्टीमैसेंजर खगोल विज्ञान में योगदान करने के प्रयासों का एक प्रमुख हिस्सा है और वैश्विक खगोल विज्ञान समुदाय के साथ सहयोग में अहम भूमिका निभाएगी.

एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन

लद्दाख में स्थापित यह इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन एशिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी और सबसे ऊंची है. इसका उद्देश्य ब्रह्मांडीय रहस्यों का खुलासा करना और वैज्ञानिक अनुसंधान को नई दिशा देना है, जिससे भारत इस क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा सके.