Diwali 2024: दीपावली पर क्यों स्थापित की जाती है लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति, जानिए क्या है इसका राज?

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Diwali 2024: दीपावली पर क्यों स्थापित की जाती है लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति, जानिए क्या है इसका राज?

नई दिल्ली। Diwali पर दीपोत्सव के साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश (Laxmi Ganesh puja) की एक साथ पूजा करने का भी विधान है. इस दिन लोग अपने घर, दुकान और ऑफिस से लेकर कारखाने आदि हर जगह पर लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति स्थापित करते है, और फिर लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है.

Diwali पर होता है विसर्जन

दिवाली की शाम लक्ष्मी-गणेश  की एक साथ पूजा करने के बाद स्थापित मूर्ति को साल भर के लिए घर, दुकान, ऑफिस और कारखाने आदि जगहों  पर पूजा की जाती है. फिर अगले साल जब तक फिर से नई मूर्ति स्थापित न किया जाए, पुरानी मूर्ति को  विसर्जन कर दिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं  लक्ष्मी-गणेश  की पूजा के लिए नई मूर्ति की ही स्थापना क्यों की जाती है. पुरानी मूर्ति का विसर्जन एक साल बाद ही क्यों किया जाता है.

Diwali पर इसलिए खरीदी जाती है नई मूर्ति

प्राचीन काल में मिट्टी से बनी मूर्तियों का ही प्रचलन था. इसलिए मिट्टी से बनी मूर्तियों का पूजा में उपयोग किया जाता था. मिट्टी से बनी मूर्तियां  साल भर रखने के बाद खंडित हो जाती थी या फिर खराब और बदरंग हो जाया करती थी. दीवाली के शुभ मौके पर लोग चीजों की शुरुआत करते है. इसकी शुरुआत मिट्टी से बनी नई मूर्तियों के खरीदने से होती है. इस दिन पुरानी  मूर्ति का विसर्जन कर नई मूर्ति लाई जाती थी.

Diwali पर नई मूर्ति खरीदने की परंपरा की शुरुआत इसी तरह हुई. ध्यान देने योग्य बात है कि सोना, चांदी या पीतल आदि धातुओं से बनी मूर्ति को  बदला जाता नहीं जाता है. लेकिन मिट्टी से बनी मूर्ति का विसर्जन कर नई खरीदी जाती है.

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लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति कब खरीदें

दिवाली में लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए नई मूर्ति खरीदने की परंपरा  धनतेरस  को है. इस दिन लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति खरीदना सबसे शुभ माना जाता है.इस साल धनतेरस  29 अक्टूबर 2024 को है जबकि दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा.