‘आतंकवाद पर दोहरा पैमाना मंजूर नहीं’, BRICS समिट में जानें क्या-क्या बोले पीएम मोदी

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BRICS SUMMIT 2024

PM Modi at BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की अध्यक्षता में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit 2024) में भाग लेने के लिए मंगलवार को रूस के कज़ान पहुंचे थे जहां पर उन्होंने पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए देश को हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है.

राष्ट्रपति पुतिन ने किया मेंबर नेशन्स का स्वागत

बुधवार को ब्रिक्स देशों की बैठक हुई जिसका आगाज करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विभिन्न देशों के नेताओं का स्वागत किया. इसके साथ ही पुतिन ने कहा कि यह आयोजन पश्चिमी देशों के वैश्विक प्रभाव को चुनौती देने के क्रेमलिन के प्रयासों का हिस्सा है.

ब्रिक्स बैठक (BRICS Summit 2024) की अपनी ओपनिंग स्पीच में पुतिन ने मेंबर्स नेशन्स के बीच वित्तीय सहयोग को बढ़ाने के महत्व पर जोर डाला और कहा कि ब्रिक्स सदस्य क्षेत्रीय संघर्षों को हल करने और ब्रिक्स समूह का विस्तार करने जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा करेंगे.

आतंकवाद पर नहीं लागू हो सकता दोहरा पैमाना

इस दौरान पीएम मोदी ने भी मंच साझा किया और जब उनकी स्पीच शुरू हुई तो उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट होने और मजबूती से सहयोग करने की अपील की.

पीएम मोदी ने कहा,”आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा और मजबूती से सहयोग करना होगा. ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. हमें अपने देशों के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए. हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के पेंडिंग मुद्दों पर मिलकर काम करना होगा.”

नए मेंबर नेशन्स का स्वागत करने को तैयार है भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है. इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए और ब्रिक्स के फाउंडिंग मेंबर्स के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा,’जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में हमने जो मार्गदर्शक सिद्धांत, मानक, मानदंड और प्रक्रियाएं अपनाई थीं, उनका सभी सदस्य और भागीदार देशों की तरफ से पालन किया जाना चाहिए… हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंक, विश्व व्यापार संगठन जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न हो कि हम वैश्विक संस्थाओं में सुधार नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें बदलना चाहते हैं.’

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साइबर सुरक्षा, डीप फेक पर लगाम जरूरी

प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS Summit 2024 के दौरान मेंबर्स देशों के साइबर सिक्योरिटी, डीप फेक, फेक न्यूज जैसी समस्याओं से निपटने के लिए जनता पर आधारित समाधान लागू करने की वकालत की.

उन्होंने कहा,”हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है. दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है…और, तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक, दुष्प्रचार जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं. ऐसे में ब्रिक्स से कई उम्मीदें हैं. मेरा मानना ​​है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. इस संदर्भ में हमारा दृष्टिकोण लोगों की भलाई पर केंद्रित होना चाहिए. हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स बांटने वाला नहीं बल्कि लोगों की भलाई के लिए काम करने वाला ग्रुप है.”

चीन के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक

गौरतलब है कि ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit 2024) के इतर पीएम मोदी 5 साल में पहली बार चीनी राष्ट्रपित शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करते नजर आएंगे. आपको बता दें कि ब्रिक्स गठबंधन, जिसमें शुरू में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, अब ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब को शामिल कर चुका है.

इसके अलावा, तुर्की, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्यता के लिए आवेदन किया है, जबकि कई अन्य देशों ने समूह में शामिल होने में रुचि व्यक्त की है.

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