‘वायनाड पहली सीट बनेगी जहां एक नहीं दो सांसद करेंगे काम’, नॉमिनेशन के बाद जानें क्या बोली प्रियंका गांधी

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 23 अक्टूबर 2024 को केरल के वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इस ऐतिहासिक मौके पर उनके साथ पूरा गांधी परिवार मौजूद रहा, जिसमें उनकी मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी, पति रॉबर्ट वाड्रा, बेटा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद रहे. प्रियंका को मजबूत करने और कांग्रेस का दावा पेश करने के लिए पार्टी के कई बड़े नेता और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी इन नामांकन में अपनी उपस्थित दर्ज कराने से पीछे नहीं रहे. क्योंकि गांधी परिवार की बेटी (प्रियंका गांधी) पर्दे के पीछे की राजनीति को छोड़ पहली बार अपने राजनीति के इस अखाड़े में हाथ आजमा रही हैं.

करीब तीन दशक पर्दे के पीछे से राजनीति की

बता दें कि नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले प्रियंका गांधी ने वायनाड में एक विशाल रोड शो और जनसभा को संबोधित किया. जनसभा में उन्होंने कहा, “यह पहली बार है जब मैं खुद के लिए प्रचार कर रही हूं. पिछले 35 सालों से मैं अपनी मां, भाई और कांग्रेस के अन्य साथियों के लिए प्रचार करती रही हूं, लेकिन आज मैं आपसे अपने समर्थन की मांग कर रही हूं.” उनके इस बयान ने लोगों के दिलों में उनके लिए गहरा सम्मान और स्नेह पैदा किया.

वहीं, प्रियंका ने इस मौके पर अपने भाई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र किया, जो नफरत के खिलाफ एक संदेश था. उन्होंने कहा, “इस यात्रा में जनता मेरी मार्गदर्शक है और वायनाड के साथ हर हाल में खड़ी हूं.”

‘वायनाड से दो सांसद होंगे’- राहुल गांधी

वायनाड में रोड शो के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, “वायनाड देश का ऐसा लोकसभा क्षेत्र है जहां से दो सांसद होंगे. एक आधिकारिक सांसद और दूसरा अनौपचारिक सांसद.”

कांग्रेस का दम और प्रियंका की चुनावी रणनीति

प्रियंका गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इस क्षेत्र से पहले उनके भाई राहुल गांधी सांसद थे, जिन्होंने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से 2024 का लोकसभा चुनाव जीता था. लेकिन बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी. कांग्रेस ने इस मौके को प्रियंका के चुनावी पदार्पण के लिए चुना. यह पहली बार है जब प्रियंका गांधी किसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगी.

भाजपा की नव्या हरिदास से है प्रियंका का मुकाबला

प्रियंका गांधी का प्रमुख मुकाबला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) के सत्यन मोकेरी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नव्या हरिदास से होगा. बता दें कि नव्या हरिदास एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जिन्होंने सिंगापुर और नीदरलैंड में काम करके अंतरराष्ट्रीय अनुभव हासिल किया है. इसके अलावा, उन्होंने कोझिकोड में एक दशक तक पार्षद के रूप में भी सेवा दी है. उनके इस राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव के कारण वे प्रियंका गांधी को चुनौती दे सकती हैं.

हालांकि, कांग्रेस के वायनाड में मजबूत पकड़ और प्रियंका गांधी की लोकप्रियता को देखते हुए उनके जीतने की संभावना काफी मजबूत है. यदि प्रियंका गांधी इस चुनाव में विजयी होती हैं, तो यह उनके लिए न केवल व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि गांधी परिवार के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी. यह पहली बार होगा जब गांधी परिवार के तीन सदस्य—सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी—एक साथ संसद में होंगे.

कैसे रही प्रियंका गांधी की राजनीतिक यात्रा?

कांग्रेस परिवार की बेटी प्रियंका गांधी की तुलना हमेशा से उनकी दादी से की जाती रही है. यही कारण है कि प्रियंका गांधी करीब 3 दशक से कांग्रेस की राजनीति में पर्दे के पीछे सक्रिय रही हैं. 1990 के दशक के अंतिम वर्षों में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव अभियानों की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके अलावा 2004 में जब राहुल गांधी ने अमेठी से सक्रिय राजनीति में कदम रखा, तो प्रियंका ने उनके लिए जोर-शोर से प्रचार किया था. लेकिन उन्होंने खुद को हमेशा बैकग्राउंड में रखा और कभी भी औपचारिक रूप से चुनाव नहीं लड़ा.

बैकग्राउंड में रहकर पार्टी के लिए काम किया

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें कांग्रेस महासचिव बनाया गया और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई. हालांकि, उस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पार्टी केवल एक सीट जीत पाई. इसके बाद 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा, जिससे प्रियंका के नेतृत्व पर सवाल उठे. इसके बावजूद भी प्रियंका गांधी को एक मजबूत नेता के रूप में देखा जाता है, जो कांग्रेस को नए सिरे से मजबूती दिलाने की कोशिश में जुटी हैं.

बता दें कि अब सभी की निगाहें 13 नवंबर को होने वाले मतदान और 23 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी होंगी, और साथ ही ये भी सिद्ध हो जाएगा कि पर्दे के पीछे से पार्टी के लिए काम करने वाली प्रियंका पर्दे पर कितनी आसरदार साबित होती हैं.