महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार को सुप्रीम कोर्ट का झटका! अजित पवार गुट को मिली ‘घड़ी’

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महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से दो पार्टियों के बीच एक चुनाव चिन्ह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) गुट को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति दे दी है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने अजित पवार गुट को यह चुनाव चिन्ह एक विशेष चेतावनी के साथ इस्तेमाल करने और 6 नवंबर तक एक नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है कि वे अदालत के आदेशों का उल्लंघन नहीं करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट की अजित पवार गुट को चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा, “कृपया एक नया हलफनामा दाखिल करें कि आप (अजित पवार गुट) चुनाव समाप्त होने तक हमारे निर्देशों का उल्लंघन नहीं करेंगे. यदि हमें यह लगता है कि आदेशों का उल्लंघन जानबूझकर किया गया है, तो हम स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना की कार्रवाई कर सकते हैं.”

शरद पवार की ओर से दी गई थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह निर्देश शरद पवार द्वारा दाखिल की गई याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने अजित पवार गुट को NCP के ‘घड़ी’ चिन्ह के उपयोग से रोकने की मांग की थी. इससे पहले 2023 में चुनाव आयोग ने पार्टी में हुए विभाजन के बाद अजित पवार के गुट को NCP का ‘घड़ी’ चिन्ह दे दिया था.

लोकसभा चुनाव से पहले भी दोनों पार्टियां जा चुकी हैं सुप्रीम कोर्ट

अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर महायूति गठबंधन का हिस्सा बनने का फैसला किया था. लोकसभा चुनाव से पहले, सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट को ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ नाम और ‘तुरही बजाता आदमी’ का चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि अजित पवार गुट शरद पवार का नाम और तस्वीर राजनीतिक लाभ के लिए नहीं इस्तेमाल कर सकता.

सुनवाई के दौरान, शरद पवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने अजित पवार गुट पर चुनावी पोस्टरों में डिस्क्लेमर न देने का आरोप लगाया और कहा कि विरोधी गुट शरद पवार का नाम वोटों के लिए इस्तेमाल करना चाहता है. सिंघवी ने आगे कहा, “उनका उद्देश्य साफ है – मुझ पर निर्भर रहना… यहां तक कि वे मानते हैं कि उनके ‘पितृसत्ता’ शरद पवार ही हैं.”