वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मदरसा केवल सरकारी फाइलों में ही संचालित होता दिखाई दे रहा है. जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित जामिया अलविया एजुकेशनल सोसायटी दोषिपुरा मदरसे को मानक के विपरीत मान्यता दी गई है. मदरसा 700 वर्ग फुट में स्थित है, लेकिन इसके संचालन की सच्चाई कुछ और ही बयां करती है.
सूत्रों के अनुसार, मदरसा केवल कागजों में ही चल रहा है, जबकि सैकड़ों छात्रों और 14 शिक्षकों के नाम पर अनुदान की राशि समय-समय पर उठाई जाती रही है. इस कागजी संचालन के बावजूद, मदरसे को सरकारी अनुदान के लाखों रुपये मिल रहे हैं, जिन्हें प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से आपस में बंदरबांट कर रहे हैं.
बता दें कि यह मामला यूपी सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के तहत आता है, जहां फाइलों के जरिए मदरसे में दी जाने वाली शिक्षा और सुविधाओं का दावा किया जा रहा है. जबकि हकीकत में, ना तो यहां कोई छात्र पढ़ाई कर रहा है और ना ही कोई तालीम दी जा रही है.