नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में इस्लामाबाद द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाए जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान पर शरारती उकसावे और राजनीतिक दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया. शुक्रवार को UNSC में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश के ने कहा कि यह घृणित है, लेकिन पूरी तरह से अनुमान लगाने योग्य है कि एक प्रतिनिधिमंडल ने गलत सूचना और भ्रामक जानकारी फैलाने की अपनी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में लिप्त होने का विकल्प चुना है.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं की स्थिति दयनीय
UNSC में ‘बदलते माहौल में शांति का निर्माण कर रही महिलाएं’ विषय पर खुली बहस के दौरान पाकिस्तान को जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारतीय राजनयिक ने कहा कि इस महत्वपूर्ण वार्षिक बहस में इस तरह के राजनीतिक प्रचार में शामिल होना पूरी तरह से गलत है. बैठक के दौरान हरीश ने कहा कि हम अच्छी तरह जानते हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, खास तौर पर हिंदू, सिख और ईसाईयों की महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित हजारों महिलाएं हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह की शिकार होती हैं.
शहबाज शरीफ ने UNGA में उठाया कश्मीर मुद्दा
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने वैश्विक मंचों पर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया है. पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मांग की थी कि भारत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अपने फैसले को पलट दे. उस दौरान पाकिस्तानी पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि फिलिस्तीन के लोगों की तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भी अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव भाविका मंगल नंदन ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा था, आज सुबह इस सभा ने अफसोसजनक रूप से एक मजाकिया घटना देखी. आतंकवाद, नशीले पदार्थों, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक प्रतिष्ठा वाले सैन्य द्वारा संचालित एक देश ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है.
पाकिस्तान द्वारा हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है : भाविका
भाविका ने अपने कथन को स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के संदर्भ के बारे में बात कर रहा हूँ. ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है. धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है, वह भी एक बड़े लोकतंत्र के लिए. इस दौरान भारतीय राजनयिक ने अपने सम्बोधन में भारतीय धरती पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकी हमलों को भी सूचीबद्ध किया था.